फ्लैशबैक 2019: इस साल 10 बड़े नेताओं ने दुनिया को कहा अलविदा, बीजेपी और कांग्रेस को पहुंची बड़ी क्षति

By रामदीप मिश्रा | Published: December 16, 2019 04:57 PM2019-12-16T16:57:50+5:302019-12-16T16:57:50+5:30

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रक्षामंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस का 29 जनवरी, 2019 को निधन हो गया था। फर्नांडिस 88 साल के थे। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली थी।

Year Ender 2019 Politician death Sushma swaraj, arun jaitley, manohar parrikar sheila dixit kailash joshi many others who died in 2019 | फ्लैशबैक 2019: इस साल 10 बड़े नेताओं ने दुनिया को कहा अलविदा, बीजेपी और कांग्रेस को पहुंची बड़ी क्षति

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भारत ने 2019 में कई दिग्गज नेताओं को खोया है। इन नेताओं न सिर्फ देश में बल्कि विश्व स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई थी और देश के बड़े ओहदों पर रहते हुए खास जिम्मेदारियों का निर्वाह किया था। बड़ी बात ये है कि इस साल सबसे बड़ी क्षति भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पहुंची है, उसके तीन दिग्गज नेताओं ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आइए आपको बताते हैं कि इस साल किन 10 बड़े नेताओं का निधन हुआ है... 

जॉर्ज फर्नांडिस

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रक्षामंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस का 29 जनवरी, 2019 को निधन हो गया था। फर्नांडिस 88 साल के थे। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली थी। फर्नांडिस अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे। फर्नांडिस एनडीए के संस्थापक संयोजक थे। 1975 में आपातकाल के दौरान फर्नांडिस जेल गए थे। नेतृत्व में हुई रेल कर्मचारियों की हड़ताल भारत की सबसे बड़ी हड़ताल में से मानी जाती है। वो समता पार्टी के संस्थापक थे। जॉर्ज फर्नांडिस का जन्म 3 जून, 1930 में हुआ था। वे एक श्रणिक संगठन के भूतपूर्व नेता और पत्रकार थे। फर्नांडिस राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य रह चुके थे। जॉर्ज  ने भारत के केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में रक्षामंत्री, संचारमंत्री, उद्योगमंत्री, रेलमंत्री आदि के रूप में कार्य किया।

मनोहर पर्रिकर

बीजेपी के दिग्गज नेता मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च, 2019 को अग्नाशय कैंसर के कारण निधन हो गया था। वह 63 वर्ष के थे। वह करीब एक साल से बीमार रहे। कैंसर के लिए वह कुछ महीनों तक अमेरिका भी इलाज करवाकर भी गए थे। स्वदेश वापस लौटने के बाद वह कुछ महीनों तक दिल्ली के एम्स में भी भर्ती थे। पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर, 1955 को हुआ था। मध्यवर्गीय परिवार में 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक के रूप में करियर शुरू किया था। यहां तक कि आईआईटी बंबई से स्नातक करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे। सक्रिय राजनीति में पर्रिकर का पदार्पण 1994 में पणजी सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीतने के साथ हुआ। मनोहर पर्रिकर 2014 से 2017 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री रहे। 

शीला दीक्षित

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का 20 जुलाई, 2019 को निधन हो गया था। उनका निधन हृदय में तकलीफ होने के कारण राजधानी के एस्कॉर्ट अस्पताल में हुआ था। शीला दीक्षित का जीवन उतार चढ़ाव भरा रहा। वे तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं, लेकिन 2013 में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल से चुनाव हार जाने के कारण उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। शीला दीक्षित ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उस समय की जब उनके ससुर उमाशंकर दीक्षित, इंदिरा गांधी की सरकार में देश के गृह मंत्री थे।

जयपाल रेड्डी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एस जयपाल रेड्डी का 28 जुलाई, 2019 को एक अस्पताल में निधन हो गया था। वह 77 वर्ष के थे। रेड्डी कई दशकों तक सांसद रहे और उन्होंने विभिन्न सरकारों में अहम पद संभाले। वह चार बार विधायक, पांच बार लोकसभा सांसद और दो बार राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। तेलंगाना में महबूबनगर जिले के मदगुल में 16 जनवरी 1942 को जन्मे रेड्डी ने अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक की डिग्री ली और वह 1960 के दशक की शुरुआत से ही छात्र नेता थे।

सुषमा स्वराज

बीजेपी की कद्दावर नेता रहीं सुषमा स्वराज का निधन 6 अगस्त, 2019 को गया था। वह 67 वर्ष की थीं। सुषमा स्वराज देश की पहली महिला विदेश मंत्री के तौर पर जानी जाती हैं। उनका जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई  एसडी कॉलेज अंबाला छावनी से की, जिसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की। 1970 में सुषमा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ राजनीति में कदम रखे। उसी दौरान उन्होंने जेपी के आंदोलन में भी हिस्सा लिया। 1975 में सुषमा की शादी स्वराज कौशल से हुई थी। कौशल भी 6 साल तक राज्यसभा में सांसद रहे।

जगन्नाथ मिश्रा

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का निधन 19 अगस्त, 2019 को हो गया था। 82 वर्षीय मिश्र ने अंतिम सांसें दिल्ली में ली थीं। डॉ. मिश्र कैंसर और अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे। जनवरी 2018 में चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार (आरसी 68 ए/96)  से अवैध निकासी के मामले डॉ जगन्नाथ मिश्र को अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई गई थी। राजनीति में आने से पहले जगन्नाथ मिश्र अकादमिक क्षेत्र में थे। वह तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने (1975 से 1977), (1980 से 1983), (1989 से 1990)। 1990 के दशक के मध्य में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। जगन्नाथ मिश्र बिहार में कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री थे। उनके बाद 1989 में बिहार में लालू प्रसाद यादव ने सीएम पद की कमान संभाली थी।

बाबूलाल गौर

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर का 21 अगस्त, 2019 भोपाल के एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी उम्र 89 वर्ष थी। वह वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और कुछ समय से अस्पताल में भर्ती थे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता गौर 2004-2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और अपनी परंपरागत गोविंदपुरा विधानसभा सीट से 10 बार चुनाव जीत थे। गौर का जन्म दो जून 1930 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ था। 

अरुण जेटली

बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद 24 अगस्त, 2019 को नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था। जेटली का 14 मई, 2018 को एम्स में गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था और उसके बाद से उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे खराब होने लगा था, जिसके बाद वह अपने कार्य से अक्सर छुट्टियां लेने लगे थे। उनको उत्तक कैंसर भी था। लोकसभा चुनाव 2014 में अमृतसर संसदीय सीट से हारने के बाद जेटली स्वास्थ्य कारणों से 2019 के लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार नहीं बने थे। वर्ष 2000 में राज्यसभा में आने के बाद वह लगातार चौथी बार उच्च सदन के सदस्य थे जहां वह विपक्ष के नेता थे और 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद वह सदन के नेता बने थे। 

गुरुदास दासगुप्ता

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता का 31 अक्टूबर, 2019 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। दासगुप्ता 83 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी और बेटी हैं। दासगुप्ता कई महीने से फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थे। खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने पार्टी के सभी पद छोड़ दिए थे, लेकिन वे भाकपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद के सदस्य थे। दासगुप्ता को 1985 में राज्यसभा के लिए चुना गया था। वे 2004 में पांसकुड़ा और 2009 में घाटल सीट से लोकसभा सदस्य थे। 

कैलाश जोशी 

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी का लंबी बीमारी के बाद भोपाल के एक निजी अस्पताल में 24 नवंबरर, 2019 को निधन हो गया था। वह 90 वर्ष के थे। कैलाश जोशी का जन्म 14 जुलाई 1929 को हुआ था। वह 1977-1978 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने मध्यप्रदेश में जनसंघ एवं बीजेपी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। जोशी मध्य प्रदेश विधानसभा में आठ बार विधायक रहे। वह राज्यसभा एवं लोकसभा के सदस्य भी रहे।

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