Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली और मुंबई के बीच सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, लागत 98,000 करोड़ रुपये, जानिए इसके बारे में
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 19, 2021 02:36 PM2021-09-19T14:36:44+5:302021-09-19T14:37:42+5:30
Delhi-Mumbai Expressway: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को तेजी से पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
Delhi-Mumbai Expressway: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 1380 किलोमीटर के आठ-लेन वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कार्य प्रगति की दो दिवसीय समीक्षा का समापन किया।
इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद उम्मीद है कि राष्ट्रीय राजधानी और वित्तीय केंद्र के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से कम होकर 12 घंटे रह जाएगा। यह एक्सप्रेसवे आठ लेन का होगा और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा गुजरात से होकर गुजरेगा।
Along with the iconic interchange near Bharuch, the project will become the face of the expressway development in the country. #PragatiKaHighway#DelhiMumbaiExpresswaypic.twitter.com/HbzU9vL8Y7
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 17, 2021
पथकर से जुड़े एक सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, ‘‘अगर आप अच्छी सेवाएं चाहते हैं, आपको उसके लिये भुगतान करना पड़ेगा। अगर आप एयर कंडीशन युक्त हॉल में कार्यक्रम करना चाहते हैं, उसके लिये आपको किराया देना पड़ता है। अन्यथा, आप खुले मैदान में भी शादी का आयोजन कर सकते हैं।’’
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे क्या है? (What is the Delhi-Mumbai expressway?)
लागत: 98,000 करोड़ रुपये
लंबाई: 1,380 किमी
सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-जयपुर (दौसा)-लालसोट और वडोदरा-अंकलेश्वर से पहला चरण मार्च 2022 तक यातायात के लिए खुलने की उम्मीद
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है
एक्सप्रेसवे की शुरुआत 2018 में हुई और शिलान्यास 9 मार्च 2019 को किया गया
जेवर हवाई अड्डे और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट मुंबई से प्रेरित
एक्सप्रेसवे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार करेगा
1,380 किमी में से 1,200 किमी से अधिक के लिए ठेके दिए गए
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए राज्यों में 15,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया
एक्सप्रेसवे से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा में लगने वाला समय 24 घंटे से कम होकर करीब 12 घंटे रह जाएगा
निर्माण ‘भारतमाला परियोजना’ के पहले चरण के तहत किया जा रहा है
एक्सप्रेसवे पर वाहनों की न्यूनतम गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी
सड़क मंत्रालय इसे बढ़ाकर 120 किलोमीटर प्रति घंटा करने पर विचार कर रहा है
अगर यातायात बढ़ता है तो आठ लेन के एक्सप्रेसवे में चार और लेन जोड़ने पर विचार किया जा सकता है
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई के बीच संपर्क को बढ़ाएगा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परिचालन में आने के बाद केंद्र को हर महीने 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये का पथकर (टोल) राजस्व देगा।