Coronavirus Effect: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बावजूद पैदल ही स्थानीय राज्यों को वापस लौटने को मजबूर हैं प्रवासी मजदूर

By मनाली रस्तोगी | Published: May 12, 2020 09:13 PM2020-05-12T21:13:38+5:302020-05-12T21:13:38+5:30

श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलने के बावजूद कई मजदूर ऐसे हैं जो पैदल ही अपने स्थानीय राज्यों को वापस लौट रहे हैं।

Workers are forced to return to local states on foot despite special trains, migrant workers | Coronavirus Effect: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बावजूद पैदल ही स्थानीय राज्यों को वापस लौटने को मजबूर हैं प्रवासी मजदूर

100 से भी ज्यादा की संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से भोपाल आने के बाद एक ट्रक की मदद से इलाहाबाद जाते हुए नजर आए। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlights100 से भी ज्यादा की संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से भोपाल आने के बाद एक ट्रक की मदद से इलाहाबाद जाते हुए नजर आए। महाराष्ट्र के भिवंडी से पैदल जौनपुर जा रहे एक प्रवासी मजदूर बालकृष्ण ने कहा कि हम लोगों को यात्रा करते हुए आज 8-9 दिन हो गए हैं।

भिवंडी: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ाया गया है। लॉकडाउन बढ़ने की वजह से भारी संख्या में प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। इसी क्रम में महाराष्ट्र से अपने स्थानीय राज्यों को प्रवासी मजदूर ट्रक की मदद से वापस जा रहे हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने के बाद भी मजदूर अन्य माध्यम से अपने-अपने स्थानीय राज्यों को लौटने को मजबूर से हैं।

ऐसे 100 से भी ज्यादा की संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से भोपाल आने के बाद एक ट्रक की मदद से इलाहाबाद जाते हुए नजर आए। वहीं, इस मामले में महाराष्ट्र के भिवंडी से पैदल जौनपुर जा रहे एक प्रवासी मजदूर बालकृष्ण ने कहा कि हम लोगों को यात्रा करते हुए आज 8-9 दिन हो गए हैं। जब तक पैसा था तब तक खाना खाया जब मरने वाली स्थिति हुई तो पैदल चल दिए। रास्ते में बच्चे को देखकर लोग थोड़ा बहुत कुछ खाने को देते थे। बता दें कि बालकृष्ण हैंडलूम में कामगार हैं। 

मालूम हो, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे हादसे भी काफी बढ़ गए हैं। अंबाला छावनी क्षेत्र के निकट मंगलवार को अंबाला-जगाधरी राजमार्ग पर एक कार की चपेट में आने से पैदल ही बिहार जा रहे एक श्रमिक की मौत हो गई जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रवासी श्रमिकों के एक समूह ने पुलिस को बताया कि वे सभी पंजाब के लुधियाना शहर से पैदल ही बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित अपने घर की ओर जा रहे थे और इसी दौरान यह दुर्घटना हुई।

पुलिस ने बताया कि कार का चालक घटना के बाद कार समेत फरार हो गया। उन्होंने बताया कि उन्हें वाहन के बारे में जानकारी मिली है और चालक को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान 25 वर्षीय अशोक कुमार के रूप में हुई है जबकि अन्य घायल श्रमिक को अंबाला छावनी के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस समूह में चल रहे एक श्रमिक ने बताया कि करीब 12 लोगों ने दो दिन पहले लुधियाना से पैदल ही यात्रा शुरू की थी क्योंकि वे रेलवे की विशेष ट्रेन के लिए पंजीकरण नहीं करा पाए थे। 

घर जाने की इच्छा रखने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए रेलवे कई स्थानों से ‘श्रमिक’ ट्रेनें चला रहा है। श्रमिकों में से एक ने बताया कि वे सभी एक फैक्टरी में काम करते थे लेकिन मालिक ने उन्हें काम से निकाल दिया जिसके बाद उनके पास खाने और रहने का बंदोबस्त नहीं हो सका तो वे पैदल ही बिहार के लिए निकल गए। पोस्टमार्टम के बाद शव को सरकारी अस्पताल के शवगृह में रखा जाएगा। श्रमिक के परिवार को इस संबंध में सूचना दी जा रही है।

(भाषा इनपुट भी)

Web Title: Workers are forced to return to local states on foot despite special trains, migrant workers

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