"थके हुए प्रधानमंत्री ने परिसीमन और जनगणना का बहाना बनाकर महिला आरक्षण को टाला", जयराम रमेश ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 22, 2023 10:49 AM2023-09-22T10:49:29+5:302023-09-22T10:53:39+5:30
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को परिसीमन और जनगणना का घटिया बहाना लेकर सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयास से महिला आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो चुका है लेकिन उसके बाद भी उसे जमीनी हकीकत की शक्ल लेने में अभी काफी वक्त लगेगा। अब इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
कांग्रेस मीडिया सेल के प्रभारी और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि महिला आरक्षण विधेयक के दोनों सदनों से पास होने के बावजूद परिसीमन और जनगणना का घटिया बहाना लेकर सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
समाचार वेबसाइट एएनआई के अनुसार कांग्रेस नेता रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि बेहद थके हुए प्रधानमंत्री ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया और बिल पास करने के बावजूद इसे लागू किये बिना टाल दिया है।
सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर, जो अब 'एक्स' हो चुका है, जयराम रमेश ने एक पोस्ट करते हुए कहा, "भाजपा अपने असली इरादों के बारे में उजागर हो गई है। परिसीमन और जनगणना के कारण इसे टालने का खराब बहाना है। एक थके हुए और फीके पड़े चुके प्रधानमंत्री की पूरी कवायद थी कि इसे लागू किये बिना चुनावी मुद्दा बनाया जाए।"
महिला आरक्षण से पहले दो अनिवार्य शर्ते रख दी गई हैं,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 21, 2023
census और उसके बाद delimitation ...
सवाल यह है कि महिला आरक्षण को census और delimitation से जोड़ने की क्या ज़रूरत थी?
जब हम पंचायतों में और नगर निकायों में आरक्षण दे सकतें हैं, तो इसके लिए census की क्या ज़रुरत?
हमारी मांग… pic.twitter.com/MbYNPnrFs6
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कल राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक में दो संशोधन पेश किए लेकिन सरकार द्वारा उसे खारिज कर दिया गया।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के संशोधनों में कहा गया था कि महिला आरक्षण को साल 2024 के लोकसभा चुनावों से ही लागू किया जाए और इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षण के अलावा ओबीसी महिलाओं के लिए भी अलग आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाए।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "कांग्रेस के दोनों संशोधनों में किसी को भी सरकार ने योग्य नहीं माना और दोनों को खारिज कर दिया।"
कांग्रेस पार्टी ने कल रात राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक में संशोधन का सुझाव दिया। इन संशोधनों से ये सुनिश्चित होता:
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 22, 2023
1. 2024 के लोकसभा चुनाव से ही महिलाओं के लिए आरक्षण।
2. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षण के अलावा ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण का…
मालूम हो कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीते बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान इसे तत्काल लागू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि विधेयक को लागू करने में देरी देश की महिलाओं के साथ घोर अन्याय है।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बिना किसी प्रयास के इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है और कांग्रेस पार्टी कभी भी महिला आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं थी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं ने इस बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने के लिए जाति जनगणना और परिसीमन की आवश्यकता नहीं है और इसे संसद द्वारा पारित होने के तुरंत बाद लागू किया जाना चाहिए।
बीते गुरुवार को राज्यसभा में लोकसभा के साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया, जिसमें 214 सदस्यों ने समर्थन में मतदान किया और किसी ने भी विरोध में मतदान नहीं किया।
संसद में विधेयक के पारित होने के बाद भाजपा की महिला सांसदों ने 'मोदी मोदी' के नारे लगाए गए और उन्होंने महिला आरक्षण बिल पारित होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।