Women's Reservation Bill: नए संसद भवन में पेश होने वाला पहला विधेयक, 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान, लोकसभा में महिला सदस्यों की 181 होगी, जानें मुख्य बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 19, 2023 04:06 PM2023-09-19T16:06:02+5:302023-09-19T16:07:03+5:30
Women's Reservation Bill: विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के विपक्ष संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया।

Women's Reservation Bill: नए संसद भवन में पेश होने वाला पहला विधेयक, 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान, लोकसभा में महिला सदस्यों की 181 होगी, जानें मुख्य बातें
Women's Reservation Bill: सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया।
विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के बीच ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किया। इस विधेयक को पूरक सूची के माध्यम से सूचीबद्ध किया गया था। नये संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।
मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तीकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी।
Prime Minister Narendra Modi meets the parliamentarians during the special event held at the Central Hall of the Old Parliament Building. pic.twitter.com/5Vld40kZQO
— ANI (@ANI) September 19, 2023
उन्होंने कहा कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
मेघवाल ने 2010 में महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित होने के बाद उसे लोकसभा से पारित न कराने को लेकर तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की मंशा पर संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में पारित होने के बावजूद महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित नहीं कराया जा सका, यह तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
मेघवाल ने कहा, ‘‘राज्यसभा में 2010 में यह विधेयक पारित हुआ था और इसे लोकसभा को भेज दिया गया था। उसके बाद यह विधेयक निम्न सदन की ‘प्रोपर्टी’ हो गया, लेकिन इसे पेश नहीं किया जा सका। पंद्रहवीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही संबंधित विधेयक निष्प्रभावी हो गया।’’
मेघवाल के विधेयक पेश करने के बीच में ही अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को अवगत कराया कि विधेयक पर चर्चा बुधवार को शुरू होगी। इससे पहले मेघवाल जैसे ही विधेयक पेश करने के लिए खड़े हुए, विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर विधेयक की प्रति नहीं दिये जाने का आरोप लगाते हुए शोर-शराबा करना शुरू कर दिया।
इस पर मेघवाल और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदस्यों को बताया कि नयी प्रौद्योगिकी से लैस स्क्रीन पर सब कुछ अपलोड किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि विधेयक की जानकारी पूरक सूची में अपलोड की गयी है। विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया और सदस्यों से कहा कि वे अपनी-अपनी सीट से लगे यंत्र के जरिये इस विधेयक को देख सकते हैं।
शोर-शराबे के बीच ही मेघवाल ने विधेयक पेश किया। मेघवाल ने इस दौरान महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वह महिला-नीत विकास को प्रश्रय देते रहे हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले ‘‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’’ को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। मोदी ने कहा, ‘‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।’’
#WATCH | Bihar: Women BJP workers in Patna play Holi as they celebrate the tabling of the Women’s Reservation Bill in the Lok Sabha. pic.twitter.com/xBuCCZusXO
— ANI (@ANI) September 19, 2023