महिलाएं बिना वेतन के करती हैं 10 हजार अरब डॉलर का काम, 'एप्पल' के कारोबार से 43 गुना ज्यादा

By भाषा | Published: January 21, 2019 02:59 PM2019-01-21T14:59:36+5:302019-01-21T14:59:36+5:30

अंतरराष्ट्रीय समूह ऑक्सफैम ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक से पहले यह रिपोर्ट जारी की।

Women work $10 billion work without pay: Oxfam report | महिलाएं बिना वेतन के करती हैं 10 हजार अरब डॉलर का काम, 'एप्पल' के कारोबार से 43 गुना ज्यादा

महिलाएं बिना वेतन के करती हैं 10 हजार अरब डॉलर का काम, 'एप्पल' के कारोबार से 43 गुना ज्यादा

दावोस, 21 जनवरी: दुनिया भर में घर और बच्चों की देखभाल करते हुये महिलाएं सालभर में कुल 10 हजार अरब डॉलर के बराबर ऐसा काम करती हैं जिसका उन्हें कोई भुगतान नहीं किया जाता। यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल के सालाना कारोबार का 43 गुना है। ऑक्सफैम ने सोमवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में महिलाएं घर और बच्चों की देखभाल जैसे बिना वेतन वाले जो काम करती है, उसका मूल्य देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.1 प्रतिशत के बराबर है। इस तरह के कामों में शहरी महिलाएं प्रतिदिन 312 मिनट और ग्रामीण महिलाएं 291 मिनट लगाती हैं।

इसकी तुलना में शहरी क्षेत्र के पुरुष बिना भुगतान वाले कामों में सिर्फ 29 मिनट ही लगाते हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले पुरुष 32 मिनट खर्च करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय समूह ऑक्सफैम ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक से पहले यह रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया है कि भारत सहित अन्य देशों में आर्थिक असमानता से सबसे ज्यादा महिलाएं और लड़कियां प्रभावित हो रही हैं। यहां पुरुषों की तुलना में महिलाओं को वेतन वाले काम मिलने के आसार कम होते हैं। यहां तक की देश के 119 अरबपतियों की सूची में सिर्फ 9 महिलाएं हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को काम के बदले कम वेतन मिलता है। महिलाओं और पुरुषों के वेतन में काफी अंतर है। इसलिये महिलाओं की कमाई पर निर्भर रहने वाले परिवार गरीब रह जाते हैं। देश में स्त्री-पुरुष के वेतन का अंतर 34 प्रतिशत है। यह भी सामने आया है कि जाति, वर्ग, धर्म, आयु और स्त्री-पुरुष भेदभाव जैसे कारक का भी महिलाओं के प्रति असमानता पर प्रभाव पड़ता है।

ऑक्सफैम ने वैश्विक स्त्री-पुरुष असमानता सूचकांक 2018 में भारत की खराब रैंकिंग (108वें पायदान) का जिक्र करते हुये कहा कि इसमें 2006 के मुकाबले सिर्फ 10 स्थान की कमी आई है। वह वैश्विक औसत से काफी पीछे है। यही नहीं, इस मामले में वह चीन और बांग्लादेश जैस अपने पड़ोसी देश से भी पीछे है।

Web Title: Women work $10 billion work without pay: Oxfam report

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