भारतीय सेना में महिला अफसर भी पा सकेंगी स्थायी कमीशन, सरकार ने दी मंजूरी
By निखिल वर्मा | Published: July 23, 2020 03:32 PM2020-07-23T15:32:51+5:302020-07-23T15:44:02+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को अपने ऐतिहासिक फैसले में निर्देश दिया था कि सेना में सभी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन और कमांड पोस्टिंग दी जाए।
भारतीय सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर से आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी गई है। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए सरकार ने औपचारिक स्वीकृति पत्र जारी किया है, जिससे महिला अधिकारियों को संगठन में बड़ी भूमिका निभाने का अधिकार मिल गया है।
यह आदेश भारतीय सेना की सभी दस स्ट्रीम में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए निर्दिष्ट करता है। जैसे ही सभी प्रभावी एसएससी महिला अधिकारी अपने विकल्प का प्रयोग करती हैं और अपेक्षित दस्तावेज पूरा कर लेती हैं, उनका चयन बोर्ड निर्धारित किया जाएगा।
Their Selection Board will be scheduled as soon as all affected SSC women officers exercise their option and complete requisite documentation: Indian Army spokesperson (3/3)
— ANI (@ANI) July 23, 2020
महिला अधिकारियों को न्यायाधीश एडवोकेट जनरल, सेना शिक्षा कोर, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कोर में स्थायी कमीशन दिया जाएगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया था कि तीन माह के भीतर सभी सेवारत शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने पर विचार किया जाएगा, भले ही वे 14 वर्ष या 20 वर्ष सेवाएं दे चुकी हों। न्यायालय ने कहा था कि युद्धक भूमिका में महिला अधिकारियों की तैनाती नीतिगत मामला है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2010 के अपने फैसले में इसपर विचार नहीं किया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार की 25 फरवरी 2019 की नीति को स्वीकार किया जिसमें शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) महिला सैन्य अधिकारियों को भारतीय सेना की सभी 10 शाखाओं में स्थायी कमीशन दिये जाने की बात है।
सेना और नेवी में महिलाएं पहले शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत काम करती थीं और वे स्थायी कमीशन के लिए आवेदन नहीं कर सकती थीं। लेकिन अब उन्हें बराबरी का दर्जा मिलेगा। स्थायी कमिशन का मतलब है कि कोई अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकता है और इसके बाद वह पेंशन का भी हकदार होगा।
स्थायी कमीशन से महिलाएं 20 साल तक काम कर सकेंगी। इसके तहत वे महिला अधिकारी भी स्थायी कमिशन में जा सकती हैं जो अभी शॉर्ट सर्विस कमिशन में काम कर रही हैं।
स्थायी कमीशन लागू होने के बाद सेना और नेवी में महिलाएं ज्यादा वक्त तक काम कर सकेंगी, उन्हें पेंशन और कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।