उत्तराखंड के मंदिरों में ‘‘छोटे कपड़े में महिलाओं-पुरुषों’’ के प्रवेश पर लगी रोक, शरीर का 80 फीसदी हिस्सा ढंका होने पर ही महिलाएं ही कर सकेंगी एंट्री, जानें
By भाषा | Published: June 4, 2023 10:01 PM2023-06-04T22:01:28+5:302023-06-04T22:09:30+5:30
इस बैन पर बोलते हुए महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत रविन्द पुरी ने कहा है कि ‘‘कभी-कभी, मंदिर आने वाले व्यक्तियों के कपड़े इतने छोटे होते हैं कि दूसरे लोगों को उन्हें देखकर शर्म आती है।’’

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
देहरादून: उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून जिलों में मंदिर प्रशासकों ने उचित वस्त्र नहीं पहनने वालों के मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत रविन्द पुरी ने रविवार को कहा कि दक्ष प्रजापति मंदिर (हरिद्वार), टपकेश्वर महादेव मंदिर (देहरादून) और नीलकंठ महादेव मंदिर (ऋषिकेश) में ‘‘छोटे कपड़े पहने महिलाओं/पुरुषों’’ के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
80 फीसदी शरीर ढंकने वाली महिलाओं को ही है इजाजत
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पुरी ने कहा कि ऐसी महिलाओं को ही मंदिरों में प्रवेश की अनुमति होगी जिन्होंने 80 प्रतिशत तक शरीर ढंकने वाले कपड़े पहने हों। उन्होंने कहा कि महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा से जुड़े इन मंदिरों में यह प्रतिबंध तत्काल प्रभावी होगा। बता दें कि महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा दशनाम नागा संतों से संबंधित है।
पुरी ने कहा कि जल्दी ही यह प्रतिबंध देश भर में अखाड़े से जुड़े मंदिरों में लागू किया जाएगा। प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता के संबंध में प्रश्न करने पर पुरी ने कहा, ‘‘कभी-कभी, मंदिर आने वाले व्यक्तियों के कपड़े इतने छोटे होते हैं कि दूसरे लोगों को उन्हें देखकर शर्म आती है।’’
Uttarakhand | Dress code has been implemented for women and girls in three temples of the state. Women and girls cannot wear short clothes and enter the three temples that come under Mahanirvani Akhar. The temples include Daksh Prajapati Temple at Kankhal in Haridwar, Neelkanth… pic.twitter.com/c80KMaJ8sE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 4, 2023
अनउचित कपड़ों से श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को पहुंचती है ठेस- पुरी
इस पर बोलते हुए पुरी ने कहा है कि ‘‘हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर- जिसे दक्ष प्रजापति मंदिर भी कहा जाता है, को भगवान शिव का ससुराल माना जाता है। दुनिया भर के लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।’’
पुरी ने कहा, ‘‘प्रत्येक सोमवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। आज के युवा, मंदिरों में ऐसे कपड़े पहन कर आते हैं जो शुचिता के प्रति उनकी उपेक्षा को दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे वस्त्रों से ‘‘श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है’’ और वे अकसर मंदिर समिति से इसकी शिकायत करते हैं।
लगातार शिकायतों पर लगा है बैन
मामले में पुरी ने आगे कहा है कि लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर यह प्रतिबंध लगाया गया है और प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इस प्रतिबंध का हरिद्वार के संतों ने समर्थन किया है। कथा व्यास मधुसूदन शास्त्री का कहना है, ‘‘मंदिरों की शुचिता एवं पवित्रता बनाए रखनी चाहिए और (मंदिर) परिसर में लोगों को उचित व्यवहार करना चाहिए। यह प्रतिबंध सनातन धर्म के अनुरुप है।’’