Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में तैनात होंगी महिला कमांडो, अमित शाह, सोनिया, प्रियंका और राहुल गांधी की सुरक्षा करेंगी
By भाषा | Published: December 22, 2021 08:19 PM2021-12-22T20:19:08+5:302021-12-22T20:21:35+5:30
सीआरपीएफ ने अपनी वीआईपी सुरक्षा इकाई में 32 महिला कमांडो की अपनी पहली टुकड़ी को तैयार किया है और अब उन्हें दिल्ली में स्थित शीर्ष ‘जेड-प्लस’ सुरक्षाघेरा प्राप्त लोगों की रक्षा करने का काम सौंपा जाएगा।
नई दिल्लीः अतिविशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) की सुरक्षा के लिये प्रशिक्षित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) महिला कमांडो की पहली टुकड़ी को जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और उच्च जोखिम वाली अन्य हस्तियों के साथ विभिन्न दायित्वों के निर्वहन के लिए तैनात किया जाएगा।
इन दायित्वों में पांच राज्यों में आगामी चुनावों के दौरान इनके साथ मौजूद रहना भी शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सीआरपीएफ ने अपनी वीआईपी सुरक्षा इकाई में 32 महिला कमांडो की अपनी पहली टुकड़ी को तैयार किया है और अब उन्हें दिल्ली में स्थित शीर्ष ‘जेड-प्लस’ सुरक्षाघेरा प्राप्त लोगों की रक्षा करने का काम सौंपा जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि इन महिला कमांडो ने वीआईपी सुरक्षा दायित्वों, निहत्थे युद्ध, जामा तलाशी और विशेष हथियारों से फायरिंग में अपना 10 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा किया है और अब इन्हें जनवरी में किसी समय तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरू में महिला कमांडो को दिल्ली में स्थित जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त लोगों के साथ तैनात किया जाएगा।
इस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त लोगों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ ही उनकी पत्नी गुरशरण कौर शामिल हैं। इन सुरक्षा प्राप्त लोगों को उनके उच्च जोखिम वाले प्रोफाइल के कारण एक उन्नत सुरक्षा संपर्क प्रोटोकॉल भी प्रदान किया जाता है।
करीब एक दर्जन अन्य जेड प्लस श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा प्राप्त लोगों के पास बारी-बारी से यह महिला कमांडो टुकड़ी तैनात की जाएगी। महिला कमांडो को इन वीआईपी की गृह सुरक्षा टीम के हिस्से के रूप में तैनात किया जाएगा और वे पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान, यदि आवश्यक हो तो सुरक्षा प्राप्त लोगों के साथ दौरे पर भी जाएंगी।