महिला ने बॉम्बे हाईकोर्ट की जज को भेजा 150 कंडोम, जानें क्या है मामला

By अनुराग आनंद | Published: February 18, 2021 10:46 AM2021-02-18T10:46:02+5:302021-02-18T10:48:45+5:30

बॉम्बे हाई कोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला ने हाल में यौन उत्पीड़न के मामलों में एक विवादित फैसला सुनाया था, जिसके बाद वह सुर्खियों में रही हैं। हाईकोर्ट की इसी महिला जज को 150 कंडोम भेजे गए हैं। 

Woman sent 150 condom to judge of Bombay High Court, disputed decision in sexual harassment case | महिला ने बॉम्बे हाईकोर्ट की जज को भेजा 150 कंडोम, जानें क्या है मामला

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsमहिला देवश्री त्रिवेदी ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के यौन उत्पीड़न के फैसले के बाद उन्होंने 12 अलग-अलग स्थानों पर कंडोम भेजे थे।नागपुर पीठ के रजिस्ट्री कार्यालय ने कहा कि उन्हें इस तरह का कोई पैकेट नहीं मिला है।

मुंबई: अहमदाबाद की एक महिला ने बॉम्बे हाई कोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला को 150 कंडोम भेजने की बात कही है।

महिला ने कहा कि POCSO अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न के मामलों में उनके हालिया विवादास्पद फैसले के खिलाफ विरोध में हमने इतने सारे कंडोम भेजने का फैसला लिया है।

इंडिया टुडे के मुताबिक, राजनीतिक विश्लेषक होने का दावा करने वाली महिला देवश्री त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने 12 अलग-अलग स्थानों पर कंडोम भेजे थे, जिनमें जस्टिस गनेडीवाला का चैंबर, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ की रजिस्ट्री ऑफिस भी शामिल है।

महिला ने कहा कि मैं इस अन्याय पूर्ण फैसले को बर्दाश्त नहीं कर सकती-

महिला ने कहा कि मैं इस अन्याय पूर्ण फैसले को बर्दाश्त नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति गनेडीवाला के फैसले के कारण एक नाबालिग लड़की को न्याय नहीं मिला। इसलिए इस फैसले से निराश होकर मैं मांग कर रही हूं कि उसे (न्यायमूर्ति गनेडीवाला) को तुरंत निलंबित किया जाए।

महिला ने कहा कि बच्ची के स्तनों को कपड़ों के ऊपर से दबाना भी यौन उत्पीड़न है-

महिला ने न्यायमूर्ति गनेडीवाला के 19 जनवरी के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने यौन शोषण के एक व्यक्ति को सिर्फ इस आधार पर बरी कर दिया कि बच्ची के स्तनों को उसके कपड़ों के ऊपर से दबाने पर यौन उत्पीड़न नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि 'त्वचा से त्वचा तक' शारीरिक संपर्क के बिना यौन हमला का मामला नहीं बनता है। महिला ने कहा कि मैं मानती हूं कि किसी बच्ची के कपड़ों के ऊपर से भी स्तन दबाना उत्पीड़न ही है।

देवश्री त्रिवेदी ने कहा कि उसने 9 फरवरी को कंडोम के पैकेट भेजे थे-

देवश्री त्रिवेदी ने कहा कि उसने 9 फरवरी को कंडोम के पैकेट भेजे थे और उनमें से कुछ के डिलीवरी रिपोर्ट मिली थी। आगे उन्होंने कहा कि एक महिला के रूप में, मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ भी गलत किया है। मैंने ऐसा करके कोई अपराध नहीं किया है। महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना पड़ता है। न्यायमूर्ति गनेडीवाला के इस आदेश से लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ सकते हैं। ऐसे में हमें अपने लिए बोलना ही होगा। 

जज पुष्पा वी गनेडीवाला का एक और फैसला चर्चा के केंद्र में आया-

बता दें कि अपने एक अन्य फैसले में जज गनेडीवाला ने कहा था कि नाबालिग का हाथ पकड़ना या किसी व्यक्ति द्वारा किसी लड़की या महिला के सामने गलत भावना से पैंट की जिप खोलने जैसे कार्य POCSO अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न के अंतर्गत नहीं आते हैं। 

नागपुर बार एसोसिएशन की अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर ने महिला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

हालांकि, नागपुर पीठ के रजिस्ट्री कार्यालय ने कहा कि उन्हें इस तरह का कोई पैकेट नहीं मिला है। नागपुर बार एसोसिएशन की वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीरंग भंडारकर ने कहा कि  यह अवमानना ​​का एक स्पष्ट मामला है। हम मांग करते हैं कि इस महिला के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

विवादास्पद निर्णय सामने आने के बाद कॉलेजियम ने अपनी ये सिफारिश वापस ले ली

फरवरी 2019 में उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद न्यायमूर्ति गनेडीवाला को जनवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा स्थायी न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की गई थी। हालांकि, विवादास्पद निर्णय सामने आने के बाद, कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश वापस ले ली है।

Web Title: Woman sent 150 condom to judge of Bombay High Court, disputed decision in sexual harassment case

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