संसद का शीतकालीन सत्रः जोशी ने कहा- लोकसभा में 14, राज्यसभा में 15 विधेयक पारित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 13, 2019 02:27 PM2019-12-13T14:27:42+5:302019-12-13T14:27:42+5:30
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को बताया कि निचले सदन में 115 प्रतिशत कामकाज हुआ और इस दौरान 130 घंटे 45 मिनट की कार्यवाही के दौरान 14 विधेयक पारित हुए एवं औसतन प्रतिदिन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिये गए।
शीतकालीन सत्र में लोकसभा में 115 प्रतिशत कामकाज हुआ, 14 विधेयक पारित हुए : लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को बताया कि निचले सदन में 115 प्रतिशत कामकाज हुआ और इस दौरान 130 घंटे 45 मिनट की कार्यवाही के दौरान 14 विधेयक पारित हुए एवं औसतन प्रतिदिन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिये गए।
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने से पहले स्पीकर बिरला ने कहा कि सत्र के दौरान सदन की 20 बैठकें हुई, जो 130 घंटे 45 मिनट चलीं। वर्ष 2019..20 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों पर 5 घंटे और 5 मिनट चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 18 सरकारी विधेयक पुन:स्थापित हुए और कुल मिलाकर 14 विधेयक पारित हुए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि शीतकालीन सत्र में लोकसभा ने 14 विधेयक पारित किए और राज्य सभा ने 15 विधेयक पारित किए। निचले सदन में 115 प्रतिशत कामकाज हुआ और उच्च सदन में 100 प्रतिशत कामकाज हुआ।
Parliamentary Affairs Minister Prahlad Joshi: In the winter session, Lok Sabha passed 14 bills and the Rajya Sabha passed 15 bills. Productivity was 116% in Lok Sabha and 100% in Rajya Sabha pic.twitter.com/PLblQQB7os
— ANI (@ANI) December 13, 2019
बिरला ने कहा कि 140 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए और औसतन प्रतिदिन लगभग 7.36 प्रश्नों के उत्तर दिये गए। इसके अलावा प्रतिदिन 20.42 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर दिये गए। प्रतिदिन औसतन 58.37 मामले उठाये गए। नियम 377 के अधीन कुल 364 मामले उठाए गए। स्पीकर ने कहा, ‘‘इस प्रकार से सभा की उत्पादकता 115 प्रतिशत दर्ज की गई।’’ उन्होंने बताया कि स्थायी समितियों ने सभा में 48 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये। सत्र के दौरान संबंधित मंत्रियों ने कुल 1669 पत्र सभा पटल पर रखे।
सत्र के दौरान नियम 193 के तहत दो अल्पकालिक चर्चाएं की गई जिसमें ‘‘वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन’’ के संबंध में 7 घंटे और 49 मिनट तक चर्चा चली तथा ‘‘विभिन्न कारणों से फसल की क्षति और उसका कृषकों पर प्रभाव’’ विषय पर 7 घंटे और 21 मिनट तक चर्चा चली। गैर सरकारी सदस्यों के कामकाज के तहत सदस्यों ने अलग-अलग विषयों पर 28 निजी विधेयक पुन: स्थापित किये और 22 नवंबर को गैर सरकारी ‘अनिवार्य मतदान विधेयक 2019’ के प्रस्ताव पर आगे चर्चा की गई जो पूरी नहीं हुई।
गैर सरकारी सदस्यों के संकल्पों के मामले में 29 नवंबर 2019 को केन बेतवा नदी सम्पर्क परियोजना के माध्यम से नहरों के निर्माण संबंधी संकल्प पर आगे चर्चा की गई। यह चर्चा उस दिन पूरी नहीं हुई। 26 नवंबर को संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिये एक समारोह का आयोजन हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद की क्षमता निर्माण के कदम के रूप में संदर्भ प्रभाग द्वारा सभा के समक्ष महत्वपूर्ण विधायी कार्यो की ब्रीफिंग सत्र आयोजित करने के लिये नई पहल की गई।
इसका उद्देश्य सभा के विधायी मुद्दों पर संसद सदस्यों को जानकारी देना है। लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन में ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई गई। जिसके बाद सभा की बैठक अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी गई । अध्यक्ष बिरला जब वक्तव्य पढ़ रहे थे तब कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘उन्नाव का क्या हुआ’ जैसे नारे लगा रहे थे।