बिहार: 'न शराब पियेंगे, न बिकने देंगे', एकबार फिर सरकारी कर्मचारियों को दिलाई गई शपथ
By एस पी सिन्हा | Published: November 26, 2021 03:42 PM2021-11-26T15:42:40+5:302021-11-26T15:46:20+5:30
अब आज एकबार फिर से नशा मुक्ति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को पुन: यह शपथ दिलवाई है कि आजीवन शराब नहीं पीनी है।
पटना:बिहार में एकबार फिर से शराबबंदी के नाम पर शपथ की नौटंकी की गई। इसके पहले भी 2016 में शराब नही पीने का शपथ सरकारी कर्मचारियों और विधायकों सहित पुलिसकर्मियों को शराब नही पीने की शपथ दिलाई गई थी। अब आज एकबार फिर से नशा मुक्ति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को पुन: यह शपथ दिलवाई है कि आजीवन शराब नहीं पीनी है।
शपथ में यह भी दिलाई गई है कि दूसरों को भी शराब का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करना है। शराब से जुड़ी गतिविधियों से अपने को अलग रखना है। यहां बता दें कि 2016 में शपथ दिलाने के साथ ही शराबबंदी कानून के समर्थन में मानव शृंखला भी बनाई गई थी। इसको सफल बनाने के लिए पूरा सरकारी महकमा के तमाम आला अधिकारियों ने अपनी ताकत झोंक दी थी।
अब एकबार फिर से राज्य सरकार के सभी कर्मचारी व अधिकारियों ने आज अपने-अपने सरकारी कार्यालयों में इसकी शपथ ली है। यही नहीं सभी ने इससे जुड़ा शपथ-पत्र भी भरा और अपना हस्ताक्षर किया। इसकी प्रति जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यालय तक जाएगी। उसी तरह से बिहार पुलिस मुख्यालय में भी पुलिस कर्मियों को मद्य निषेध कानून का सख्ती से पालन करने और पालन कराने को लेकर डीजीपी एस के सिंघल ने शपथ दिलाई।
डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि शराबबंदी कानून को उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कर बर्खास्त किया जाएगा। उन्होंने कहा शराबबंदी कानून लागू करने के लिए पुलिस विभाग प्रतिबद्ध है। सकारात्मक परिणाम आए हैं। हम शराबबंदी के साथ-साथ नशा के दूसरे साधन की तरफ बढ रहे हैं। हम पूरी तरीके से नशा उन्मूलन करना चाहते हैं। पुलिसकर्मी इसमें सम्मिलित पाए जाएंगे तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। पुलिस और समाज के लोगों को सम्मिलित कर इस अभियान को सफल बनाने की जरूरत है।
वहीं, राज्य के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने बताया कि मद्य निषेध के प्रति चेतना जागृत करने के लिए वर्ष 2016 में राज्य सरकार के सभी कर्मियों को आजीवन शराब का सेवन नहीं करने और दूसरे को भी शराब नहीं सेवन करने के लिए प्रेरित करने के लिए शपथ दिलाई गई थी। इसी के तहत मद्य निषेध समीक्ष बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा था कि इस साल भी नशा मुक्ति दिवस पर सरकारी कर्मियों को शपथ दिलाई जाए।
यहां उल्लेखनीय है कि सरकार के द्वारा शपथ दिलाये जाने के बावजूद बिहार में बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मी शराब का सेवन करते पकड़े जा चुके हैं। यहां तक कि शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद राज्य में धडल्ले से शराब की तस्करी हो रही है। हाल यह है कि यह घर-घर पहुंचाया जा रहा है। जबकि ग्रामीण ईलाकों में जहरीली शराब के सेवन से बड़े पैमाने पर लोगों की जान जा रही है।