ममता बनर्जी को हराउंगा, नहीं तो राजनीति छोड़ दूंगा: शुभेंदु अधिकारी
By भाषा | Published: January 18, 2021 10:53 PM2021-01-18T22:53:45+5:302021-01-18T22:53:45+5:30
कोलकाता, 18 जनवरी भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने उनकी विधानसभा सीट नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दी गयी चुनौती सोमवार को स्वीकार कर ली और कहा वह चुनाव में उन्हें हरायेंगे, वरना राजनीति छोड़ देंगे।
हालांकि पूर्व तृणमूल नेता ने कहा कि उम्मीदवारों पर आखिरी निर्णय भाजपा नेतृत्व विस्तृत चर्चा के बाद लेगा , न कि जैसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में मनमाने तरीके से होता है ।
इससे पहले, बनर्जी ने दिन में नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करके सभी को चौंका दिया । पिछले चुनाव में इस सीट पर टीएमसी के टिकट पर अधिकारी को जीत हासिल हुई थी।।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ यदि मुझे मेरी पार्टी नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतारती है तो मैं उनको कम से कम 50000 वोटों के अंतर से हराऊंगा, अन्यथा मैं राजनीति छोड़ दूंगा।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन तृणमूल कांग्रेस को जहां बनर्जी और उनके भतीजे ‘तानाशाही ’ तरीके से चलाते हैं वहीं भाजपा में उम्मीदवार चर्चा के बाद तय किये जाते हैं और मेरी उम्मीदवारी पर फैसला पार्टी को करना है।
तीन किलोमीटर के रोडशो के बाद उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा, ‘ मैं नहीं जानता कि मुझे कहां से उतारा जाएगा और उतारा भी जाएगा या नहीं।’’
उन्होंने कहा कि बनर्जी बस चुनाव से पहले ही नंदीग्राम को याद करती हैं एवं उनपर नंदीग्राम गोलीबारी में लिप्त रहे एक आईपीएस अधिकारी को चार बार सेवा विस्तार देने का आरोप लगाया। ’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि बनर्जी नंदीग्राम के लोगों की भावनाओं के साथ खेल रही हैं लेकिन ‘‘ इस बार यह काम नहीं करेगा और उनकी पार्टी लोकतांत्रिक ढंग से बंगाल की खाड़ी में फेंक दी जाएगी।’’
उन्होंने दावा किया कि सोमवार को नंदीग्राम के टेखली में बनर्जी की सभा में 30 हजार से अधिक लोग नहीं थे और उनमें से भी अधिकतर को दूसरे स्थानों से लाया गया था।
उन्होंने बनर्जी पर नंदीग्राम के लोगों के प्रति सहानुभूति नहीं रखने का आरोप लगाते हुए कहा, ''स्कूलों की पुस्तकों में सिंगूर में हुए कृषि भूमि अधिग्रहण-रोधी आंदोलन को तो शामिल किया गया है लेकिन नंदीग्राम तथा खेजुरी के शहीदों को कोई जिक्र नहीं है। ''
अधिकारी ने टीएमसी पर अम्फन चक्रवात के पीड़ितों को आवंटित कोष और गरीबों को दिये जाने वाले खाद्यान्न भंडार को चुराने का आरोप लगाया।
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