Children's Day 2019: जानिए क्यों जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर मनाया जाता है बाल दिवस?
By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: November 13, 2019 06:06 PM2019-11-13T18:06:50+5:302019-11-13T18:06:50+5:30
बाल दिवस का उत्सव भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. हर स्कूल में इस दिन बच्चों के लिए खास प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है. कई स्कूलों में बच्चो को पिकनिक भी ले जाया जाता है. इसके साथ बच्चों को गिफ्ट भी दिए जाते हैं.
भारत में हर साल 14 नवम्बर को बाल दिवस यानि चिल्ड्रेन्स डे (Children's Day) मनाया जाता है. इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती होती है. बाल दिवस का उत्सव देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. हर स्कूल में इस दिन बच्चों के लिए खास प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है. कई स्कूलों में बच्चो को पिकनिक भी ले जाया जाता है. इसके साथ बच्चों को गिफ्ट भी दिए जाते हैं.
इस दिन बाल अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है क्योंकि बच्चें ही देश का भविष्य हैं.20 नवंबर 1954 को यूएन ने चिल्ड्रेन्स डे मनाने की की घोषणा की थी. भारत में पहले हर साल 20 नवम्बर को जवाहरलाल नेहरू के निधन से बाल दिवस मनाया जाता था.
जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत स्नेह और लगाव था. बच्चें उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे, लेकिन 27 मई 1964 को पंडित नेहरू के निधन बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए ये ऐलान किया गया कि हर साल उनकी जयंती के मौके यानी 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाएगा. फिर तभी से हर 14 नवम्बर को देशभर में बाल दिवस का उत्सव मनाया जाता है.
बता दें कि बाल दिवस अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता. जैसे कई देशों में एक जून को बाल दिवस मनाया जाता है. वहीं, चाइना में 4 अप्रैल, पाकिस्तान में एक जुलाई, अमेरिका में जून के दूसरे सन्डे को चिल्ड्रेन्स डे मनाया जाता है. इसके अलावा ब्रिटेन में 30 अगस्त, जापान में 5 मई, पश्चिमी जर्मनी में 20 सितम्बर को बाल दिवस मनाया जाता हैं. इसके अलावा International Children's day 20 नवंबर को मनाया जाता है.
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। चाचा नेहरू को बच्चों से बेहद लगाव लगाव था। वह बच्चों और युवाओं को भारत का भविष्य बताते थे. जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि ये बहुत जरूरी है कि बच्चों को प्यार दिया जाए और उनकी देखभाल की जाए ताकि वो अपने पैरों पर खड़े हो सकें.