Labour Day: मजदूर दिवस 1 मई को क्यों मनाते हैं, कहां से हुई इसकी शुरुआत, जानें पूरा इतिहास
By प्रिया कुमारी | Published: April 27, 2020 02:39 PM2020-04-27T14:39:25+5:302020-04-28T12:21:51+5:30
1 मई को दुनिया भर लेबर डे के रूप में मनाया जाता है। भारत में ये दिन मजदूरों के सम्मान के लिए मनाया जाता है। जानिए, कहां से हुई थी इसकी शुरुआत हुई थी और क्या है पूरा इतिहास।
दुनिया भर में लेबर डे यानी मजदूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। भारत में भी भारत में ये दिन मजदूरों के सम्मान के लिए मनाया जाता है। भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई सन् 1923 को मद्रास में की थी। उस समय म्रदास दिवस के नाम से मनाया जाता था।
मजदूर दिवस का इतिहास क्या है
अंतराष्ट्रीय तौर पर लेबर डे मनाने की शुरुआत 1 मई सन् 1886 को अमेरिका से हुई थी। अमेरिका के मजदूर संघों ने मिलकर ये फैसला किया कि वह 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। इस मांग के साथ उन्होंने हड़ताल करना शुरू कर दिया।
हड़ताल के दौरान शिकागो के हेय मार्केट में एक बम धमाका हुआ जिसके बाद वहां कि पुलिस ने मजदूरों पर गोली चलाना शुरू कर दिया जिसमें 100 से ज्यादा की तादाद में मजदूरों की मौत हो गई और कई घायल हुए।
इस घटना के बाद पेरिस में अंतरराष्ट्रीय महासभा की द्वितीय बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाए और इस दिन हर मजदूरों को छुट्टी दी जाएगी। मार्केट में हुई घटना से मरे मजदूरों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाने लगा।