मेट्रो स्टेशनों पर टैक्सी, आटो और रिक्शा की पार्किंग के लिए जगह कम क्यों, वाहनों की भीड़ रहती है और यात्रियों को परेशानी

By भाषा | Published: October 10, 2019 05:57 PM2019-10-10T17:57:04+5:302019-10-10T17:57:04+5:30

प्राधिकरण ने न्यायालय में पेश रिपोर्ट में यह भी कहा है कि दिल्ली के लिये अंतिम स्थान तक मेट्रो स्टेशनों और कई तरह के यातायात वाले स्थानों को जोड़ना एक महत्वपूर्ण एजेण्डा है और यह शहर में निजी वाहनों की आवश्यकता को काफी हद तक कम करेगा।

Why is there less space for parking of taxis, autos and rickshaws at metro stations, vehicular congestion and commuters trouble | मेट्रो स्टेशनों पर टैक्सी, आटो और रिक्शा की पार्किंग के लिए जगह कम क्यों, वाहनों की भीड़ रहती है और यात्रियों को परेशानी

यातायात के लिये एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की परिवहन सुविधा अपर्याप्त हैं

Highlightsन्यायालय ने मेट्रो स्टेशनों पर टैक्सी और तिपहिया आटो के लिये डीएमआरसी से जवाब मांगा।अंतिम छोर तक जोड़ने के लिये टैक्सी और आटो रिक्शा के बेहतर उपयोग की भी जरूरत है।

उच्चतम न्यायालय ने मेट्रो स्टेशनों पर टैक्सी और तिपहिया आटो और साइकिल रिक्शा की पार्किंग के लिए कम जगह होने के मामले में डीएमआरसी से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) की रिपोर्ट पर डीएमआरसी को नोटिस जारी किया। इस रिपोर्ट के अनुसार मेट्रो स्टेशनों और अंतरराज्यीय बस अड्डे जैसे स्थानों पर टैक्सी, तिपहिया आटो और साइकिल रिक्शा की पार्किंग के लिये स्थान निर्धारित नहीं है जिसकी वजह से वाहनों की भीड़ रहती है और इससे यात्रियों को परेशानियां होती हैं।

प्राधिकरण ने न्यायालय में पेश रिपोर्ट में यह भी कहा है कि दिल्ली के लिये अंतिम स्थान तक मेट्रो स्टेशनों और कई तरह के यातायात वाले स्थानों को जोड़ना एक महत्वपूर्ण एजेण्डा है और यह शहर में निजी वाहनों की आवश्यकता को काफी हद तक कम करेगा। पीठ ने इस मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को एसपीसीए की रिपोर्ट पर जवाब देने का निर्देश दिया और इसे नवंबर के लिये सूचीबद्ध कर दिया।

ईपीसीए की रिपोर्ट में कहा गया है कि मेट्रो स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक यातायात के स्थानों से अंतिम छोर के लिये टैक्सी, आटो रिक्शा और साइकिल रिक्शा को नि:शुल्क पार्किंग स्थल की आवश्यकता है। अत: जहां पैदल यात्रियों के लिये सुविधाओं और बसों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है, वहीं अंतिम छोर तक जोड़ने के लिये टैक्सी और आटो रिक्शा के बेहतर उपयोग की भी जरूरत है।

रिपोर्ट के अनुसार आज की स्थिति में यातायात के लिये एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की परिवहन सुविधा अपर्याप्त हैं और टैक्सी, तिपहिया वाहनों और साइकिल रिक्शों के लिये पार्किंग स्थान के बगैर मेट्रो तथा अंतरराज्यीय बस अड्डों पर वाहनों की बहुत अधिक भीड़ हो जायेगी और यह यात्रियों के लिये परेशानी का कारण बनेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मेट्रो स्टेशनों की डिजाइन में वाहनों की पार्किंग की आवश्यकता को शामिल करने की आवश्यकता है लेकिन ऐसा नहीं किया गया है क्योंकि सड़क और स्टेशनों के ढांचे के ऊपर की जगह डीएमआरसी के दायरे में नहीं है।

ईपीसीए ने कहा है कि उन्होंने इस संबंध में डीएमआरसी और अन्य संबंधित अधिकारियों से चर्चा की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डीएमआरसी प्रथम और दूसरे चरण के 126 स्टेशनों में से सबसे अधिक भीड़ वाले 38 स्टेशनों की पहचान की है जिनकी डिजाइन में शीघ्र सुधार की आवश्यकता है।

इनमें से छतरपुर, कश्मीरी गेट और जहांगीरपुरी स्टेशनों पर यह योजना लागू करने का विभिन्न चरणों में है लेकिन इसे गति प्रदान करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार डीएमआरसी ने अपने तीसरे चरण के सभी 78 स्टेशनों के लिये एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की योजना बनायी है और इनमें आटो रिक्शा, बस और कार पार्किंग तथा यात्रियों को उतारने के लिये अलग लेन उपलब्ध कराने पर काम कर रही है।

Web Title: Why is there less space for parking of taxis, autos and rickshaws at metro stations, vehicular congestion and commuters trouble

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