ये 10 उपलब्धियां बनाती हैं भारत को सुपरपॉवर
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 28, 2019 12:08 PM2019-03-28T12:08:31+5:302019-03-28T12:12:13+5:30
दुनिया में महाशक्ति के तौर पर स्थापित करने के लिए भारत ने एक लंबी यात्रा तय की है। आइए, वो 10 बातें जानते हैं जो भारत को सुपर पॉवर बनाती हैं।
'कुछ ही समय पहले भारत ने एक अभूतपूर्व सिद्धि प्राप्त की है। भारत ने दुनिया में अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन को ही यह उपलब्धि हासिल थी। अब भारत इस क्षमता को हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है।'
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में ये बात कही। उन्होंने इस बड़ी उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'हमारे वैज्ञानिकों ने 300 किलोमीटर दूर 'लो अर्थ ऑर्बिट' में एक सैटेलाइट को मार गिराया। यह ऑपरेशन महज 3 मिनट में ही पूरा किया गया। 'मिशन शक्ति' नाम का यह ऑपरेशन बेहद कठिन था, जिसमें बहुत उच्च कोटि की तकनीकी क्षमता की जरूरत थी।'
भारत इस वक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रहा है। दुनिया में महाशक्ति के तौर पर स्थापित करने के लिए भारत ने एक लंबी यात्रा तय की है। आइए, वो 10 बातें जानते हैं जो भारत को सुपर पॉवर बनाती हैं।
- एंटी-सैटेलाइल मिसाइलः इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है। इसके जरिए दुश्मन देश के सैटेलाइट को निशाने पर रखा जा सकता है। इसके अलावा किसी भी देश के कम्यूनिकेशन सिस्टम को खत्म किया जा सकता है।
- पृथ्वी एयर डिफेंसः यह वायुमंडल के बाहर आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को अवरोधन करने के लिए विकसित एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल है। यह पृथ्वी मिसाइल के आधार पर बनायीं गयी है।
- डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइलः डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही एंटी रेडिएशन मिसाइल है। यह भारत की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल है। यह मिसाइल दुश्मन के राडार व ट्रांसिमट सिग्नलों को खराब कर देती है।
- भारत के पास हवा में मार करने वाली मिसाइलों की एक बड़ी रेंज है। अग्नि सीरीज़ मिसाइलों की बात करें तो अग्नि-1 (700 किलोमीटर), अग्नि-2 (दो हज़ार किलोमीटर), अग्नि 3 और 4 (ढाई हज़ार से 3.5 हज़ार किलोमीटर) तक मार करने की क्षमता रखती है। इसके अलावा भारत ने अप्रैल 2012 में अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। 5 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जाने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है।
- इसके अलावा पृथ्वी, प्रहाल और धनुष सीरीज में भी भारत के तमाम उन्नत मिसाइलें हैं। 28 अप्रैल 2002 को भारत ने ध्वनि की गति से भी तेज़ चलने वाली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का परिक्षण किया था और इसे ब्रह्मोस नाम दिया गया।
- अमेरिका और सोवियत यूनियन के बाद भारत विश्व का तीसरा देश था जिसने राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना की। भारत में इसे इसरो (ISRO) के नाम से जाना जाता है।
- चीन और जापान के बाद भारत एशिया का तीसरा ऐसा देश है जिसने अंतरिक्ष में अपना सैटेलाइट भेजा।
- जनवरी 2007 में भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बना जिसने एटमॉस्फेरिक रीएंट्री पूरा किया।
- अक्टूबर 2008 में भारत ने अपना पहला अनमैन्ड लूनर प्रोब, चंद्रयान प्रथम लॉन्च किया। 14 नवंबर 2008 को चंद्रमा की सतह पर पहुंचते ही ऐसा कारनामा कर दिखाना वाला भारत दुनिया का चौथा देश बना।
- 24 सितंबर 2014 को भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बना जिसके पास मंगल ग्रह का चक्कर लगाने वाला सैटेलाइट है। ये करने वाला भारत एशिया का पहला देश था। उल्लेखनीय है कि भारत ने यह उपलब्धि पहले ही प्रयास में हासिल कर ली थी।
- भारत जल्दी ही चंद्रमा के लिए चंद्रयान-2 मिशन भेजने वाला है। इसके अलावा स्पेश मिशन के तहत 2022 तक अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी है।