जानिए मानसून के समय 17 जून से 26 जुलाई तक संसद में क्यों चलेगा बजट सत्र?  

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 13, 2019 03:18 PM2019-06-13T15:18:52+5:302019-06-13T15:18:52+5:30

लोकसभा चुनाव 2019 पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक फरवरी को अंतरिम बजट 2019-20 पेश किया था। कार्यवाहक वित्त मंत्री  के तौर पर पीयूष गोयल ने बजट पेश किया था।  

Why 17th loksabha parliament session 17th june to 26th july is budget session not monsoon session | जानिए मानसून के समय 17 जून से 26 जुलाई तक संसद में क्यों चलेगा बजट सत्र?  

जानिए मानसून के समय 17 जून से 26 जुलाई तक संसद में क्यों चलेगा बजट सत्र?  

Highlightsनिर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं।आर्थिक सर्वेक्षण चार जुलाई को पेश किया जायेगा। सत्र की कुल 30 बैठकें होंगी।  

सत्रवहीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलने वाला है। ये बजट सत्र होगा। यहां पर सवाल ये उठता है कि ज्यादातर वक्त जुलाई और अगस्त के महीने में मानसून सत्र होता है, तो फिर 17 जून से 26 जुलाई तक चलने वाले ये सत्र बजट क्यों है? तो बता दें की नरेन्द्र मोदी सरकार इस बजट-सत्र में पांच जुलाई को पूर्ण बजट पेश करेगी। नरेन्द्र मोदी की पिछली सरकार में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को पेश किया था। चूकीं वो अंतरिम बजट था, इसलिए सरकार को दोबार पूर्ण बजट पेश करना होता है। यही वजह है कि 17 जून से 26 जुलाई तक चलने वाले संसद सत्र को बजट सत्र कहा जा रहा है। 

आखिर अंतरिम बजट क्या होता है? 

अंतरिम बजट को हम को वोट ऑन अकाउंट, लेखानुदान मांग और मिनी बजट के नामों से भी जानते हैं। मोटे तौर पर इतना समझा जाए तो जिस साल लोकसभा चुनाव होने वाला होता है, उस साल सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। जैसे तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को बजट पेश किया था। जिसमें सरकार कुछ महीनों के लिए ही बजट बनाती है। इसके बाद चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है। यानी जो पूरे एक साल के लिए होता है।

वोट ऑन अकाउंट यानी अंतरिम बजट के जरिए सरकार को सीमित समय के लिए संसद से मंजूरी मिलती है। इसमें तीन या चार महीनों के लिए सरकारी कर्मियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष से धन लेने का प्रस्ताव होता है। इसके पीछे का तर्क ये है कि जब सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा हो तो वो अगले पूरे साल के लिए घोषणाएँ नहीं कर सकती क्योंकि चुनाव बाद नई सरकार भी बन सकती है। ऐसे में मौजूदा सरकार अगली सरकार पर अपने वित्तीय फैसले और बजट को थोप नहीं सकती है। हालांकि भारतीय संविधान में अंतरिम बजट जैसा कोई शब्द नहीं है।

लोकसभा चुनाव 2019 पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक फरवरी को अंतरिम बजट 2019-20 पेश किया था। कार्यवाहक वित्त मंत्री  के तौर पर पीयूष गोयल ने बजट पेश किया था।  अरुण जेटली के इलाज के लिए अमेरिका जाने के बाद नरेन्द्र मोदी सरकार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था।

संसद में कितने सत्र होते हैं? 

भारतीय संसद में आमतौर पर तीन सत्र होते हैं। जिसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र होते हैं। बजट फरवरी आमतौर पर अप्रैल से मई के बीच में चलता है। मानसून स्तर जुलाई से अगस्त के बीच होता है। वहीं शीतकालीन सत्र नवम्बर महीने से दिसंबर तक में होता है। इसके अलावा अगर मौजूदा सरकार को जरूरत महसूस होती है तो वो विशेष स्तर के भी सत्र बुलाते हैं। 

निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री 

नरेन्द्र मोदी सरकार 5 जुलाई 2019 को पूर्ण बजट 2019-20 पेश करने वाली है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट होगा। देश में पहली बार एक पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार बजट पेश करेंगी। पिछली सरकार में निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री थीं।

इससे पहले स्वतंत्र भारत में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1970 में बजट पेश किया था। इंदिरा गांधी उस वक्त की तत्कालिन प्रधानमंत्री थीं। वो कार्यवाहक के तौर पर वित्त मंत्री के पद पर थीं। 

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