कौन होगा राज्यसभा में भाजपा संसदीय दल का नेता? ये चार नेता ले सकते हैं अरुण जेटली की जगह
By हरीश गुप्ता | Published: June 11, 2019 07:43 AM2019-06-11T07:43:50+5:302019-06-11T07:43:50+5:30
वित्त मंत्री की हैसियत और महिला होने के नाते निर्मला सीतारमण भी राज्यसभा में भाजपा के नेता पद की दौड़ में सबसे आगे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द कई महत्वपूर्ण फैसले लेने हैं. इनमें होंगे. इनमें लोकसभा उपाध्यक्ष और राज्यसभा में भाजपा संसदीय दल के नेता का चुनाव शामिल है. शिवसेना पहले ही उपसभापति पद पाने की इच्छा जता चुकी है जो प्राय: विपक्षी दल को जाता है, सहयोगी को नहीं. हालांकि अतीत में इसका पालन नहीं किया गया है और शिवसेना इसके लिए जोर नहीं दे रही है. दूसरा अच्छा विकल्प बीजद के ब्राह्मोत्री मेहताब हैं. तर्क दिया जाता है कि मोदी ओडिशा के नवीन पटनायक को भाजपा के करीब लाना पसंद कर सकते हैं.
भाजपा आलाकमान में कई ऐसे नेता हैं जिनका मानना है कि मोदी आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कांग्रेस को पाले में करना पसंद कर सकते हैं क्योंकि जगनमोहन रेड्डी ने राज्य में कांग्रेस और चंद्रबाबू नायडू को शर्मनाक हार दी है. इस वजह से मोदी बीजद के बदले वाईएसआर कांग्रेस को उपकृत कर सकते हैं. प्रधानमंत्री को एक और महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय राज्यसभा में भाजपा के नेता का लेना है, क्योंकि उनके सबसे विश्वसनीय और उच्च योग्यता वाले अरुण जेटली ने स्वास्थ्य कारण से बाहर हो गए हैं.
सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत राज्यसभा में भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के दलित हैं. मोदी ने उनको कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में भी रखा है और वह भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं. हालांकि रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल उभरते हुए स्टार हैं जिन्हें पार्टी तैयार कर रही है. दूसरे मंत्री जो चर्चा में हैं, वह प्रकाश जावड़ेकर हैं, जिन्हें पर्यावरण, वन और सूचना-प्रसारण जैसे प्रतिष्ठित मंत्रालयों के लिए चुना गया है. पहले कार्यकाल में कई असफल प्रयोगों के बाद उन्हें सूचना-प्रसारण में वापस लाया गया.
निर्मला भी दौड़ में सबसे आगे :
वित्त मंत्री की हैसियत और महिला होने के नाते निर्मला सीतारमण भी राज्यसभा में भाजपा के नेता पद की दौड़ में सबसे आगे हैं. उन्होंने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में जिस तरह से सरकार का बचाव किया और राफेल पर राहुल गांधी की धज्जियां उड़ाईं, उससे उनका रुतबा काफी बढ़ गया है.