किसने कहा, गलत सूचना है, गरीब रथ ट्रेनों को हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं: रेलवे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 19, 2019 07:23 PM2019-07-19T19:23:54+5:302019-07-19T19:23:54+5:30

रेल मंत्रालय ने इन ट्रेनों के हाल ही में संचालन बंद करने के विरोध के बाद ट्वीट में कहा,‘‘काठगोदाम और जम्मू तवी के बीच चलने वाली गरीब रथ ट्रेन संख्या 12207/08 और कानपुर और काठगोदाम के बीच चलने वाली गरीब रथ ट्रेन संख्या 12207/10 की सेवाएं चार अगस्त, 2019 से दोबारा प्रभावी हो जायेंगी।’’

Who said, there is no proposal to remove the poor chariot trains: Railway | किसने कहा, गलत सूचना है, गरीब रथ ट्रेनों को हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं: रेलवे

पहली गरीब रथ रेल बिहार के सहरसा से पंजाब के अमृतसर के बीच शुरू की गई थी।

Highlightsसरकार ने बताया कि रेलगाड़ियों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के संबंध में कुछ शिकायतें मिली हैं सरकार का ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया योजना को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को काठगोदाम-जम्मू और काठगोदाम-कानपुर रेलमार्गों पर गरीब रथ रेलों को मेल या एक्सप्रेस ट्रेन से प्रतिस्थापित करने के फैसले को वापस ले लिया।

इसी के साथ कम किराए वाली वातानुकूलित ट्रेन (गरीब रथ) की सेवाएं इन मार्गों पर चार अगस्त से पुन: शुरू हो जाएंगी। मंत्रालय ने कहा कि उत्तर रेलवे में डिब्बों की कमी के कारण गरीब रथ की साप्ताहिक चलने वाली दो जोड़ी ट्रेनों को अस्थाई तौर पर एक्सप्रेस सेवा के तौर पर चलाया जा रहा है।

रेल मंत्रालय ने इन ट्रेनों के हाल ही में संचालन बंद करने के विरोध के बाद ट्वीट में कहा,‘‘काठगोदाम और जम्मू तवी के बीच चलने वाली गरीब रथ ट्रेन संख्या 12207/08 और कानपुर और काठगोदाम के बीच चलने वाली गरीब रथ ट्रेन संख्या 12207/10 की सेवाएं चार अगस्त, 2019 से दोबारा प्रभावी हो जायेंगी।’’

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गरीब रथ ट्रेनों को हटाने की कोई योजना नहीं है और ऐसी 26 ट्रेनों का देश में संचालन किया जा रहा है। गरीब रथ रेल की शुरुआत गरीब लोगों को वातानुकूलित रेल की सुविधा देने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2005 में की थी। पहली गरीब रथ रेल बिहार के सहरसा से पंजाब के अमृतसर के बीच शुरू की गई थी। हालांकि इस ट्रेन के लिए कोचों का निर्माण पहले ही रोका जा चुका है। 

ट्रेनों में दिए जाने वाले भोजन को लेकर मिली शिकायतें : गोयल

सरकार ने बताया कि रेलगाड़ियों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के संबंध में कुछ शिकायतें मिली हैं और इनके समाधान के लिए समुचित कदम उठाए जा रहे हैं।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रेनों में दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता संबंधी शिकायतों के हल के लिए रेलवे के और भारतीय रेलवे कैटरिंग एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के पदाधिकारी नियमित रूप से और अचानक ही भोजन की जांच करते हैं।

गोयल के अनुसार, रसोई घरों में भोजन पकाने की निगरानी के लिए 35 बेस किचनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और इसका पब्लिक डोमेन में सार्वजनिक प्रसारण करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि भोजन के पैकेटों पर बारकोड तथा किचन का नाम, पैकिंग की तारीख, अधिकतम खुदरा मूल्य आदि प्रिंट करने की पहल भी की गई है। 

ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया योजना को समाप्त करने का प्रस्ताव नहीं : गोयल

सरकार का ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया योजना को समाप्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फ्लैक्सी किराया योजना से अधिक राजस्व अर्जित हुआ है, साथ ही फ्लैक्सी किराया वाली गाड़ियों में यात्रियों की संख्या गैर फ्लैक्सी किराया अवधि की तुलना में बढ़ी है।

उन्होंने यह भी बताया नौ सितंबर 2016 से राजधानी, शताब्दी एवं दूरंतो गाड़ियों में फ्लैक्सी किराया की अवधारणा शुरू की गई। इसके बाद विभिन्न पक्षों से मिले फीडबैक के आधार पर फ्लैक्सी किराया योजना की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई।

गोयल के अनुसार, समिति की सिफारिशों और अन्य अभ्यावेदनों के आधार पर जांच करने के बाद 15 मार्च 2019 से प्रायोगिक आधार पर फ्लैक्सी किराया योजना को युक्तिसंगत बनाया गया। इसके तहत फ्लैक्सी किराया योजना को 15 गाड़ियों से पूरी तरह और 32 गाड़ियों से तीन माह की पूर्व निर्धारित कम व्यस्त अवधि के दौरान समाप्त कर दिया गया। उन्होंने बताया ‘‘साथ ही सभी फ्लैक्सी किराया वाली श्रेणियों में लागू फ्लैक्सी किराया योजना की अधिकतम सीमा को पूर्व में 1.5 गुना से घटा कर 1.4 गुना तक कर दिया गया है।’’ 

देश में दूध का उत्पादन बढ़ा : बालियान

सरकार ने शुक्रवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान केरल और नगालैंड को छोड़ कर सभी राज्यों में दूध का उत्पादन बढ़ा है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अनुसार, वर्ष 2018-19 के दौरान सहकारी संस्थाओं द्वारा दूध की खरीद 507.5 लाख किलोग्राम प्रतिदिन तक पहुंच गई है। यह खरीद 2014-15 के दौरान 378.3 किलोग्राम प्रतिदिन थी। बालियान ने बताया कि 2018-19 के दौरान केरल और नगालैंड को छोड़ कर सभी राज्यों में दूध का उत्पादन बढ़ा है। 

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