World Chess Championship 2024 Game 14 Live Updates Gukesh becomes youngest world champion: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश इतिहास में नाम दर्ज करा लिया। 18 साल की उम्र् में विश्व चैंपियन बन गए। रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर खेल के इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए। ऐतिहासिक जीत के साथ गुकेश विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने वाले 18वें जीएम और महान विश्वनाथन आनंद के बाद सिर्फ दूसरे भारतीय जीएम बन गए हैं। गुकेश ने 14 बाजी के इस मुकाबले की आखिरी क्लासिकल बाजी जीतकर लिरेन के 6.5 के मुकाबले जरूरी 7.5 अंक के साथ खिताब जीता। यह बाजी हालांकि अधिकांश समय ड्रॉ की ओर जाती दिख रही थी।
बृहस्पतिवार को गुकेश की खिताबी जीत से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन थे जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे।
वह दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद वैश्विक खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था। गत चैम्पियन डिंग लिरेन के खिलाफ विश्व चैम्पियनशिप मुकाबले में जीत से आहलादित भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने कहा कि विरोधी खिलाड़ी को हराना हमेशा सुखद होता है।
टोरंटो में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रचने वाले युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने कमाल कर दिया। गुकेश ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया था और वह विश्व चैम्पियनशिप खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बन गए थे। उन्होंने 40 साल पुराना गैरी कास्पोरोव का रिकॉर्ड तोड़ा था। आनंद के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने वाले गुकेश पहले भारतीय थे।
डी गुकेश ने फ्रांस के कान्स में हरुत्युन बार्गसेघयान को हराकर 7.5 अंक के साथ 34वें कान्स ओपन शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया था। पिछले साल दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने गुकेश ने फ्रांस के प्रतिद्वंद्वी को 50 चाल में हराया था। तमिलनाडु के इस खिलाड़ी ने पिछले हफ्ते डेनमार्क के हिलरोड में 110वें एनिवर्सिरी ओपन टूर्नामेंट के रूप में अपना पहला ओपन खिताब जीता था।
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश बृहस्पतिवार को यहां उतार-चढ़ाव से भरे खिताबी मुकाबले की रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने। गुकेश ने 14 बाजी के इस मुकाबले की आखिरी क्लासिकल बाजी जीतकर खिताब जीतने के लिए जरूरी 7.5 अंक जुटाए जबकि लिरेन के नाम 6.5 अंक रहे।
यह बाजी हालांकि अधिकांश समय ड्रॉ की ओर जाती दिख रही थी। खिताब जीतने के लिए गुकेश को 25 लाख डॉलर की इनामी राशि का बड़ा हिस्सा मिलेगा। चेन्नई के गुकेश ने यहां ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पिछले 10 वर्षों से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मैंने इस सपने को हकीकत में बदला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला।’’ जीत के बाद मितभाषी किशोर गुकेश के चेहरे पर बड़ी मुस्कान देखी जा सकती थी और उन्होंने जश्न में अपनी बाहें ऊपर उठाईं। बृहस्पतिवार को गुकेश की खिताबी जीत से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन थे जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे।
वह दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद वैश्विक खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने 2013 में मैग्नस कार्लसन को विश्व खिताब गंवा दिया था। गुकेश ने कहा, ‘‘हर शतरंज खिलाड़ी इस सपने को जीना चाहता है। मैं अपना सपना जी रहा हूं।’’ गुकेश ने चार घंटे में 58 चाल के बाद लिरेन के खिलाफ 14वीं बाजी जीती और कुल मिलाकर 18वें विश्व शतरंज चैंपियन बने।
यदि बृहस्पतिवार की बाजी भी ड्रॉ रहती तो विजेता का फैसला शुक्रवार को कम अवधि के टाईब्रेक में होता। गुकेश ने बृहस्पतिवार को निर्णायक बाजी से पूर्व तीसरे और 11वें दौर में जीत हासिल की थी जबकि 32 वर्षीय लिरेन ने शुरुआती बाजी के अलावा 12वीं बाजी अपने नाम की थी। अन्य सभी बाजियां ड्रॉ रही।