जब हमारे पास 'स्वच्छ भारत मिशन' है, तो क्या हमारे पास 'स्वच्छ हवा मिशन' नहीं हो सकता हैः काकोली

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 19, 2019 05:53 PM2019-11-19T17:53:35+5:302019-11-19T17:53:35+5:30

लोकसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विभिन्न दलों के सदस्यों ने वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले धुएं को इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया। इस बीच टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने लोकसभा में कहा कि दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 9 भारत में हैं।

When we have 'Swachh Bharat Mission', can't we have 'Clean Air Mission': Kakoli | जब हमारे पास 'स्वच्छ भारत मिशन' है, तो क्या हमारे पास 'स्वच्छ हवा मिशन' नहीं हो सकता हैः काकोली

जहरीली हवा फेफड़ों को खराब करती है।

Highlightsक्या हमें स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार सुनिश्चित नहीं किया जाना चाहिए? दिल्ली में लोग मास्क लगा कर घूम रहे हैं। बंगाल की बारासात की सांसद ने कहा कि यह चिंता की बात है।

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर हंगामा जारी है। आज संसद में पक्ष-विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। देश के अन्य शहरों में इस समय व्याप्त वायु प्रदूषण के पीछे किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराने के दावों को गलत बताता।

 

लोकसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विभिन्न दलों के सदस्यों ने वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले धुएं को इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया। इस बीच टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने लोकसभा में कहा कि दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 9 भारत में हैं।

यह काफी अनावश्यक है कि एक देश के एक विदेशी प्रीमियर जो भारत की यात्रा पर थे, उन्होंने एक प्रतिकूल टिप्पणी की। मैं सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहूंगा। दस्तीदार ने कहा कि जब हमारे पास 'स्वच्छ भारत मिशन' है, तो क्या हमारे पास 'स्वच्छ हवा मिशन' नहीं हो सकता है? क्या हमें स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार सुनिश्चित नहीं किया जाना चाहिए?

दिल्ली में लोग मास्क लगा कर घूम रहे हैं। बंगाल की बारासात की सांसद ने कहा कि यह चिंता की बात है। जहरीली हवा फेफड़ों को खराब करती है। इस वजह से ऑक्सीजन की कमी हमारे शरीर को होती है। 

 

 

आंकड़ों को देखें तो राजधानी में जहरीली हवा के लिए 41 प्रतिशत हिस्सेदारी वाहनों से निकलने वाले धुएं की, 18.6 फीसदी हिस्सेदारी उद्योगों की एवं अन्य कारकों की होती है। बीजद सदस्य ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वच्छ भारत अभियान सफलतापूर्वक चलाया गया है और अब एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर पाबंदी का अभियान चलाया जा रहा है, उसी तरह प्रदूषण के मुद्दे पर भी व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रदूषण के मुद्दे को भी उन्हें अपने हाथ में लेना होगा। बिना नेतृत्व के समाधान नहीं निकल सकता।’’ कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा ‘‘ ऐसा नहीं है कि वायु प्रदूषण को कम नहीं किया जा सकता। इसका एक उदाहरण चीन का शहर बीजिंग है जहां सरकार ने युद्धस्तर पर काम शुरू करके वहां की हवा को स्वच्छ किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के दूसरे शहरों की हवा साफ हो सकती है तो हम क्यों नहीं कर सकते। क्या हमारी इच्छाशक्ति में कमी है? क्या संसाधनों की सीमा है?

दिल्ली अन्य शहरों की तरह क्यों नहीं बन सकती? सरकार को इसकी गंभीरता, संवेदनशीलता को समझना होगा और युद्धस्तर पर काम करने के लिए रणनीति बनानी होगी।’’ तिवारी ने कहा कि यह दलगत राजनीति का विषय नहीं है। यह दिल्ली तक ही सीमित नहीं है।

उन्होंने गंगा के प्रदूषण का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की, सभी ने गंगा नदी को साफ करने के प्रयास किये लेकिन सफलता नहीं मिली। तिवारी ने सदन में मांग उठाई कि प्रदूषण विषय पर एक स्थाई समिति बनाई जानी चाहिए जो सिर्फ इससे और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विषयों को देखे और हर संसद सत्र में एक दिन उसके कामकाज की समीक्षा हो। मिश्रा ने भी कहा कि चीन ने कड़े कदम उठाए और कोयले पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाकर, वाहनों की संख्या पर लगाम लगाकर एवं अन्य उपाय करके बीजिंग के प्रदूषण को कम किया। 

Web Title: When we have 'Swachh Bharat Mission', can't we have 'Clean Air Mission': Kakoli

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