ट्रंप व दूसरे VVIP के दौरा से पहले जब आगरा-दिल्ली की सड़कें व गलियां साफ हो जाती है, तो समान्य दिनों में ऐसा क्यों नहीं होता है?
By अनुराग आनंद | Published: February 24, 2020 08:46 PM2020-02-24T20:46:27+5:302020-02-24T20:46:27+5:30
किसी भी वीवीआईपी के भारत में आने से पहले पुरानी व्यवस्था में ही शहर चकाचक हो जाता है जबकि उसी संसाधन व व्यवस्था में समान्य दिनों में शहर क्यों नहीं साफ दिखाई देता है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले अहमदाबाद, आगरा व दिल्ली की सड़कें और गलियां चकाचक दिखने लगीं। सभी स्थानीय एजेंसी व प्रशासन ने दिन-रात एक करके सफाई अभियान को सफलता पूर्वक अंजाम दिया।
ऐसा सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप के यात्रा से पहले ही हुआ है, यह भी कहना सही नहीं है। इसी तरह जब काशी को क्योटो बनाने के लिए वाराणसी जापान के राष्ट्राध्यक्ष शिंजो आबे आए हुए थे, तो शहर को साफ करके इस तरह सजाया गया था कि देखकर भरोसा ही नहीं होता था कि यह वही काशी है, जहां कल तक गंदगी बिखरी हुई रहती थीं।
सबसे अहम सोचने वाली बात यह भी है कि अपने पुराने संसाधनों में ही सभी एजेंसियां इस काम को अंजाम देती है। ऐसा नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले सफाई के लिए किसी दूसरे संस्था या प्रशासन के किसी अलग से अधिकारी की नियुक्ति होती है। फिर भी ऐसा क्यों होता है कि किसी भी वीवीआईपी के आने से पहले तो शहर साफ सुथरा दिखने लगता है लेकिन समान्य दिनों में वही प्रशासन के अधिकारी वही एजेंसियां काम करने से जी चुराने लगती हैं।
अहमदाबाद का कायापलट हो गया-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले अहमदाबाद का कायापलट हो गया। सड़कें चमकाई गईं, स्टेडियम को दुल्हन की तरह सजाया गया। यही नहीं पूरे शहर को रंग रोगन करके तरह-तरह से सजाया गया। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि सोमवार को इस शहर का दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स से साक्षातकार होने वाला था। सबसे बड़ी बात यह है कि यह सबकुछ उसी संसाधन व उतने ही लोगों की मदद से प्रशासन ने अंजाम दिया। वहीं, एजेंसी यह काम काम कर रही थीं, जो रोज शहर में सफाई का काम करती है।
डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले आगरा में लौट आया रौनक-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से पहले आगरा में यमुना को स्वच्छ अविरल बनाने के लिए गंगाजल को छोड़ा गया । उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र सिंह फोगाट ने बताया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) के आगरा आगमन को ध्यान में रखते हुए यमुना नदी की पर्यावरणीय स्थिति में सुधार के लिए मांट नहर के रास्ते 500 क्यूसेक गंगाजल मथुरा में छोड़ा गया था।
फोगाट ने कहा था कि विभाग की कोशिश है कि गंगाजल की यह मात्रा यमुना में 24 फरवरी तक निरंतर बनी रहे। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता डॉक्टर अरविन्द कुमार ने मीडिया को बताया था कि यदि आगरा में यमुना नदी के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 500 क्यूसेक गंगाजल छोड़ा गया है तो वह निश्चित रूप से प्रभाव डालेगा। मथुरा के साथ-साथ आगरा में भी यमुना नदी में घुले ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी व बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड व केमिकल ऑक्सीजन डिमाण्ड की मात्रा में कमी आएगी। इतना होने पर यमुना का पानी पीने योग्य भले ही न हो पाये, परंतु उसके दुष्प्रभाव व बदबू में तो कमी होने की आशा कर सकते हैं।