मुल्परपेरिया बांध टूटने से केरल सहित पूरे दक्षिण भारत पर पड़ेगा असर, सुप्रीम कोर्ट दिया ये आदेश
By स्वाति सिंह | Published: August 17, 2018 02:14 PM2018-08-17T14:14:24+5:302018-08-17T14:14:24+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह पुनर्वास और जलस्तर कम करने के संबंध में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति के निर्देशों का पालन करें।
तिरूवनंतपुर, 17 अगस्तः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति और केरल की उप-समिति से मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर कम करके 139 फुट करने के तरीके तलाश करने को कहा। कोर्ट ने केरल और तमिलनाडु से कहा कि वह पुनर्वास और जलस्तर कम करने के संबंध में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति के निर्देशों का पालन करें। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा' बाढ़ से निपटने में वह कोई विशेषज्ञ नहीं है, इस संकट से निपटने की जिम्मेदारी कार्यपालिका पर छोड़ी जा रही है।' मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़ते हुए समुचित एहतियाती कदम उठाए ताकि इससे लोग प्रभावित ना हो।
अगर मुल्लापेरियार बांध टूट जाए?
1.केरल के कोच्ची में अंडरवाटर इंटरनेट केबल है जो देशभर को इंटरनेट से जोड़ता है। ऐसे में अगर मुल्लापेरियार बांध को तोड़ा जाता है तो कोच्ची डूब जाएगा, जिसका असर भारतीय आईटी हब पर भी पड़ेगा। इसके अलावा गेटवे सीआईएससीओ राउटर (CISCO), स्विच आदि अरब महासागर डूब सकता है।
2. कोच्ची रिफाइनरी- इस रिफाइनरी में दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों में सिर्कुलेट करने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों और सेवाओं तैयार किया जाता है। इसलिए अगर यह डूबा तो इसका असर तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश पेट्रोलियम रिफाइनरियों पड़ पड़ेगा। जिसके कारण इसकी कीमत में बढ़ोतरी भी हो सकती है।
3. मुल्लापेरियार बांध के टूटने से इडुक्की हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट भी टूट सकता है। जिसके कारण राज्य में इंटरनेट, बिजली समेत कई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
4. वहीं इसका असर केरल के भूगोल पर भी पड़ेगा। मुल्परपेरिया बांध टूटने से केरल दो हिस्सों में बंट सकता है। वहीं इसका असर 30 लाख लोगों के जनजीवन पर भी पड़ेगा। स्थानीय लोगों का खाना से लेकर बाकी जरूरी चीजें भी उपलब्ध नहीं मिल पाएंगी।
5. मुल्लापेरियार बांध के टूटने से कोच्ची का पोर्ट सिटी दुनिया के नक्शे से गायब हो सकता है। इसके बाद से वल्लरपडम बंदरगाह केवल एक इतिहास बनकर रह जाएगा। इसके साथ ही दक्षिण भारत को मदर जहाजों के लिए फिर से कोलंबो निर्भर होना पड़ेगा। जो बेहद महंगा पड़ सकता है।
6. मुल्लापेरियार बांध टूटने पर सारा संग्रहीत पानी महासागर में बह जाएगा। जिक्से कारण तमिलनाडु को सिंचाई या पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा।
7. इसके साथ ही पानी का प्रवाह इडुक्की बांध, कारखानों, आईटी पार्क, अस्पताल, बंदरगाहों, कोच्ची शहर सबको अरब महासागर में डुबों देगा।
8. यह आपदा हिरोशिमा में हुए आपदा से 180 गुना ज्यादा भयानक होगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को तमिलनाडु सरकार ने मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर 139 फुट करने की, बाढ़ की मार झेल रहे केरल की गुजारिश को खारिज किया है। तमिलनाडु सरकार ने कहा कि सदी पुराना जलाशय 142 फुट तक पानी का भंडारण करने के लिए ‘सुरक्षित’ है। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने यह बात अपने केरल के समकक्ष पिनराई विजयन की चिट्ठी के जवाब में लिखे पत्र में कल कही। संयोगवश है कि यह पत्र उस दिन सामने आया है जब उच्चतम न्यायालय ने मुल्लापेरियार बांध की आपदा प्रबंधन उप-समिति को निर्देश दिया है कि केरल के सभी 14 जिलों में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए जलस्तर को मौजूदा 142 फुट से घटाकर 139 फुट करने पर विचार करे। जाहिर तौर पर उच्चतम न्यायालय के निर्देश से पहले यह पत्र लिखा गया था।