लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल हो या 21? सरकार के कानून बदलने के प्रस्ताव पर क्या सोच रहे हैं युवा
By विनीत कुमार | Published: July 31, 2020 11:19 AM2020-07-31T11:19:40+5:302020-07-31T11:20:21+5:30
भारत में लड़कियों की शादी की उम्र से संबंधित नियमों में क्या अब बदलाव की जरूरत है। इस संबंध में पिछले कुछ महीनों से बहस चल रही है। इसी विषय को लेकर महिला और बाल विकास मंत्रायय ने पिछले महीने के एक टास्क फोर्स भी बनाया था।
भारत में लड़कियों की शादी की उम्र क्या हो? क्या लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल कर देनी जानी चाहिए? इसे लेकर पिछले कुछ समय से देश में जारी बहस के बीच 96 सिविल सोसायटी संस्थाओं ने भी 15 राज्यों में करीब 2500 युवाओं से बात की और इस पूरे विषय पर उनकी राय हासिल की। इसका मकसद युवाओं से ये जानना था कि वे आखिर क्या चाहते हैं।
'यंग वॉयसेस' (Young Voices) के नेतृत्व में शुरू हुई इस प्रक्रिया के बाद सामने आए रिपोर्ट को भारत सरकार से संबंधित टास्क फोर्स के पास सौंपा गया है। इस प्रक्रिया के दौरान सिविल सोसायटी के संस्थाओं दरअसल 12 से 22 साल की उम्र के बीच के 2480 युवाओं और किशोरों से बात की।
इसमें ज्यादातर गांव के क्षेत्रों या शहरों में स्लम क्षेत्र से हैं। इस दौरान एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं से भी इन संस्थाओ ने बात की और शादी को लेकर उनकी राय प्राप्त की।
गौरतलब है कि लड़कियों की शादी की उम्र कानूनी तौर पर बढ़ाने के संबंध में पिछले महीने 23 जून, 2020 को महिला और बाल विकास मंत्रायय ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था, ताकि इस संबंध में राय जुटाई जा सके। साथ ही मातृत्व की उम्र, विशेष रूप से मातृ मृत्यु दर, और पोषण स्तर के साथ संबंधित मामलों पर भी बात हो सके। इस टास्क फोर्स को अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई तक देनी है।
क्या रही युवाओं और किशोरों की राय?
यंग वॉयस के तहत 26 जून, 2020 को सामूहिक रूप से लोगों की रायशुमारी की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके शुरू होने के करीब तीन सप्ताह में करीब किशोरों और युवाओ की राय जुटाई गई है। इसके बाद 24 जुलाई को पूरी रिपोर्ट टास्क फोर्स को सौंपी गई।
Young Voices की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पूरे सर्वे में कई युवाओं ने गरीबी, विकल्पों की कमी, शिक्षा की हालत और रोजगार को देखते हुए अपनी राय रखी। कुछ ने इस बात का भी हवाला दिया कि लड़कियों को समाज में एक बोझ की तरह देखा जाता रहा है और अगर शादी की उम्र बढ़ाई गई तो इससे चोरी-छिपे और दस्तावेजों में हेरा-फेरी कर शादी कराने का चलन बढ़ जाएगा।
दरअसल, कई परिवार लंबे समय तक लड़कियों का खर्च उठाने के लिए तैयार नहीं होंगे। वहीं, कुछ ने इसे बेहतर कदम भी बताया। कई लड़कियों का मानना था कि अगर शादी की उम्र को बढ़ाया जाता है तो उससे उन्हें अपनी डिग्री पूरा करने का मौका मिलेगा और वे नौकरी के लिए भी कोशिश कर सकती हैं।
टास्क फोर्स के पास रखी गई 19 और मांगे भी
युवाओं और किशोरों से रायशुमारी के दौरान कई बात दूसरे विषय भी सामने आए जिससे टास्क फोर्स को अवगत कराया गया है। इसमें कुछ अहम बिंदु शिक्षा के अधिकार को 12वीं कक्षा तक बढ़ाना, गांव के नजदीक नौकरी के अवसर पैदा करना, सेक्सुअलिटी और प्रेम-संबंधों पर और ज्यादा कानूनी पेचीदगी से बचाव आदि भी शामिल हैं।
वहीं, कई युवा मानते हैं कि एक ऐसे समय पर जब कोरोना और उससे पैदा हुई परिस्थिति के कारण उनकी भविष्य की आकांक्षाओं को गहरा धक्का पहुंचा है, तब सरकार को कानून बदलने की बजाय गरीबी उन्मूलन और रोजगार आदि मौकों को फिर से सृजित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
एक युवती ने ये भी कहा कि शादी की उम्र क्या हो इस पर सभी चर्चा कर रहे हैं लेकिन लड़कियों से कौन पूछ रहा है। उसने कहा, 'लड़कियां अपना फैसला लेने में सक्षम हैं। सरकार को बस उसके लिए अच्छे मौके पैदान करने और सहयोग देने की जरूरत है, बाकी सबकुछ खुद सही होता चला जाएगा।'