क्या है के-9 वज्र तोपों की खासियत, लद्दाख में ऊंची पहाड़ियों पर भी हैं तैनात

By शिवेंद्र राय | Published: January 26, 2023 06:03 PM2023-01-26T18:03:21+5:302023-01-26T18:05:58+5:30

सामान्य तोपों को आसानी से घुमाया नहीं जा सकता लेकिन के-9 वज्र जीरो रेडियस पर चारों तरफ घूमकर हमला कर सकती है। इसमें तोप और टैंक दोनों की खूबियां हैं। 50 किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी ठिकाना तबाह करने में सक्षम के-9 वज्र टैंक की तरह किसी भी तरह के मैदान में तेजी से चल सकती है।

What is specialty of K-9 Vajra guns also deployed on high hills in Ladakh | क्या है के-9 वज्र तोपों की खासियत, लद्दाख में ऊंची पहाड़ियों पर भी हैं तैनात

के-9 वज्र में तोप और टैंक दोनों की खूबियां हैं

Highlightsके-9 वज्र जीरो रेडियस पर चारों तरफ घूमकर हमला कर सकती हैइस तोप का वजन 50 टन हैके-9 वज्र को लद्दाख में ऊंची पहाड़ियों पर भी तैनात किया गया है

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर दुनिया ने बारत की ताकत देखी। परेड में के-9 वज्र तोपों का भी प्रदर्शन किया गया जिन्हें गुजरात के हजीरा में लार्सन एंड टूब्रो फैक्ट्री में बनाया गया है। चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए इन बेहद खास तोपों को लद्दाख में ऊंची पहाड़ियों पर भी तैनात किया गया है। 

के-9 वज्र तोपों की खासियत 

स्वचालित के-9 वज्र तोपों की मारक क्षमता 38 किलोमीटर है। लेकिन अगर इसे ऊंची जगह तैनात कर दिया जाए तो इसकी मारक क्षमता बढ़ जाती है। यही कारण है कि पूर्वी लद्दाख में 16 हजार फीट की ऊंचाई वाले इलाकों में इसकी रेंज 50 किलोमीटर तक हो जाती है। के-9 वज्र स्वचालित तोप दक्षिण कोरियाई हॉवित्जर के-9 थंडर का भारतीय संस्करण है। 

सामान्य तोपों को आसानी से घुमाया नहीं जा सकता लेकिन के-9 वज्र जीरो रेडियस पर चारों तरफ घूमकर हमला कर सकती है। इसमें तोप और टैंक दोनों की खूबियां हैं। 50 किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी ठिकाना तबाह करने में सक्षम के-9 वज्र टैंक की तरह किसी भी तरह के मैदान में तेजी से चल सकती है और इसिलिए ये दुश्मन के लिए काल से कम नहीं है।

के-9 वज्र तोपों की एक और बड़ी खासियत ये है कि इसका मिसाइल लॉन्चर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे दुनिया के सबसे आधुनिक और हाईटेक स्वचालित तोपों में शामिल किया जाता है। केवल 15 सेकंड के भीतर तीन गोले दाग सकती है। इसमें मल्टीपल राउंड्स मल्टीनेशनल इफेक्ट मोड में गोले को रखने की क्षमता है। इस तोप का वजन 50 टन है और इसका ऑपरेशनल रेंज 480 किलोमीटर है।

बता दें कि इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर केवल देसी हथियारों का प्रदर्शन किया गया।  पहली बार स्वदेशी 105 एमएम इंडियन फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके अलावा स्वदेशी एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर, के-9 वज्र तोप, अर्जुन टैंक, नाग मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम को परेड में शामिल किया गया।

Web Title: What is specialty of K-9 Vajra guns also deployed on high hills in Ladakh

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