क्या है 'ए-सेट', जिसके जरिये भारत अंतरिक्ष में बना चौथी महाशक्ति
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: March 27, 2019 01:19 PM2019-03-27T13:19:00+5:302019-03-27T13:57:30+5:30
अब तक जमीन, पानी और हवा में मजबूती के साथ खड़े भारत ने अंतरिक्ष में भी अपनी ताकतवर मौजूदगी दर्ज करा दी है। स्वदेशी ए-सेट के जरिये मिशन शक्ति को अंजाम देकर भारत अंतरिक्ष में अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथी महाशक्ति बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (27 मार्च) को देश को खुशखबर दी कि भारत अब अंतरिक्ष में चौथी महाशक्ति बन गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने LEO (लो अर्थ ऑर्बिट) में एंटी सैटेलाइट वेपन (ए-सेट) के जरिये एक सैटेलाइट को निशाना बनाकर गिरा दिया और मिशन 'शक्ति' को सफलता पूर्वक पूरा किया। भारत के लिए सफलता इसलिए भी बड़ी है क्योंकि डीआरडीओ ने पूर्ण स्वदेशी तकनीक के जरिये इस मिशन को अंजाम दिया।
क्या है ए-सेट?
कई देश एंटी सैटेलाइट वेपन (ए-सेट) को अंतरिक्ष में सामरिक रणनीति के तहत दुश्मन के सैटेलाइट गिराने के उद्देश्य से तैयार कर रहे हैं। अब तक अमेरिका, रूस और चीन के पास एंटी सैटेलाइट वेपन हैं। हालांकि इजरायल दावा करता है कि वह अपनी 'एरो 3' और 'हर्त्ज 3' एंटी बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल ए-सेट वेपन के तौर पर कर सकता है।
एसेट पर अमेरिका ने 1950 में काम शुरू कर दिया था। अब तक के युद्ध इतिहास में एसेट का इस्तेमाल नहीं हुआ है। अब तक केवल परीक्षण के तौर अमेरिका, चीन और रूस ने अपने ही सैटेलाइट को गिराकर ए-सेट का इस्तेमाल किया है और अब इस फेहरिस्त में भारत भी शामिल हो गया है।