लॉकडाउन 4 को लेकर अलग-अलग राज्य बना रहे हैं योजना?, जानें 6 बड़ी बातें
By अनुराग आनंद | Published: May 15, 2020 02:49 PM2020-05-15T14:49:51+5:302020-05-15T15:05:56+5:30
पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोनोवायरस के मामलों में 3976 की वृद्धि हुई, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला कि इतने समय में 100 लोगों की मौत हुई है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय लॉकडाउन 4 को लेकर जल्द घोषणा की जानी है। लेकिन, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया है कि लॉकडाउन 4 में राज्यों के अनुमोदन के आधार पर आगे का फैसला लिया जाना है। सभी राज्यों द्वारा मेट्रो सेवाओं और उड़ानों सहित सार्वजनिक परिवहन की अनुमति देने या न देने और कंटेनमेंट जोन क्षेत्रों में सभी आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने या कुछ दिनों बाद शुरू करने आदि को लेकर प्रधान मंत्री कार्यालय को प्रस्ताव भेजे गए हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र इसी के आधार पर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से निकलने की योजना तैयार करेगा। इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुख्यमंत्रियों के साथ छह घंटे की वीडियो कॉल की और लॉकडाउन 4.0 के संदर्भ को तय करने में राज्यों को इनपुट भेजने के लिए कहा, जो जमीन पर सामान्य स्थिति बहाल करने का प्रयास करेगा।
लॉकडाउन 3 की वर्तमान अवधि जो 25 मार्च को लागू किया गया था, वह रविवार को समाप्त होने वाली है। कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए, इसे फिर से बढ़ाया जाएगा। लेकिन, अर्थव्यवस्था की स्थिति और प्रवासी मजदूरों के संकट को देखते हुए दैनिक जीवन और आर्थिक गतिविधियों में और छूट दिए जाने की संभावना है।
लॉकडाउन 4 को लेकर शीर्ष 6 बिंदु इस प्रकार हैं:
1 आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गुजरात और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों ने पहले लॉकडाउन चरणों के दौरान बंद हुई अर्थव्यवस्था आदि को बड़े पैमाने को फिर से खोलने का सुझाव दिया है। उदाहरण के लिए, आंध्र ने जो क्षेत्र कंटेनमेंट जोन में नहीं है, वहां सभी आर्थिक और सार्वजनिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। बता दें इस दक्षिणी राज्य में गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2,137 COVID-19 के मामले हैं और 11,422 लोग क्वारंटाइन में हैं।
2 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्थानीय निवासियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद गुरुवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में कुछ आर्थिक गतिविधियों को अनुमति दी जानी चाहिए, सिवाय कंटेनमेंट जोन क्षेत्रों में। उन्होंने दिल्ली में और अधिक प्रतिबंधों को हटाने की जरूरत है। बता दें कि तेजी से कोरोना संक्रमण की संख्या को बढ़ते देख इसे रेड जोन में रखा गया है।
3 केरल - एक ऐसा राज्य है जो राजस्व के लिए पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर करता है। केरल चाहता है कि मेट्रो सेवाएं, स्थानीय ट्रेनें, घरेलू उड़ानें, रेस्तरां और होटल फिर से खोले जाएं। इस राज्य में भारत के पहले तीन कोरोनोवायरस मामलों की सूचना मिली थी। इस राज्य ने संक्रमण के मामलों में कमी करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। यहां 560 मामलों में, लगभग 500 ठीक हो चुके हैं और केवल चार मौतें हुई हैं।
4 कर्नाटक, जिसने वायरल के प्रकोप का भी अच्छी तरह सामना किया है। इस राज्य ने सामाजिक दूरी को ध्यान में रखकर बंद किए गए रेस्तरां, होटल और व्यायामशालाओं - सार्वजनिक स्थानों को फिर से खोलने की अनुमति मांगी है। इस राज्य में क्वारंटाइन में करीब 1,518 लोग हैं और गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार यहां 959 सक्रिय कोरोना वायरस मामले हैं। पिछले हफ्ते कर्नाटक ने 17 मई तक के लिए टेकअवे के लिए पब और बार को शराब बेचने की अनुमति दी थी।
5 महाराष्ट्र राज्यो कोरोना संक्रमण से इस समय सबसे बुरी तरह से प्रभावित राज्य है। महाराष्ट्र अभी अर्थव्यवस्था या बहुत अधिक कार्यालयों को खोलने के विचार में अभी नहीं है। लगभग 30,000 मामलों और 1,000 से अधिक मौतों की वजह से महाराष्ट्र सरकार ने आज मुंबई और अन्य हिस्सों में तालाबंदी के विस्तार की घोषणा की। व्यापक रूप से भारत की वित्तीय राजधानी माने जाने वाले मुंबई में लगभग 16,000 मामले हैं। सत्तारूढ़ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार ने, हालांकि, उद्योगों व प्रमुख बड़े दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी है। इस समय किसी भी अन्य राज्यों की तुलना में यहां सर्वाधिक 1,289 कंटेनमेंट जोन की संख्या हैं। क्वारंटाइन में भी करीब तीन लाख लोग हैं, जो पहले से तनावग्रस्त स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में आशंका जता रहे हैं।
6 बिहार, झारखंड और ओडिशा तीनों राज्यों का इस मामले में एक ही राय है। तीनों राज्यों ने सख्त लॉकडाउन जारी रखने के लिए कहा है। इन राज्यों में COVID-19 केस नंबर बढ़ रहे हैं, और देश भर में फंसे प्रवासियों की वापसी के साथ आगे भी यह संख्या बढ़ने की उम्मीद हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके राज्य में तालाबंदी 31 मई तक बढ़ा दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि दिशानिर्देशों में ढील जिला प्रशासन को छोड़ देनी चाहिए। बिहार में 994 मामले और सात मौतें, झारखंड में 197 मामले और तीन मौतें और ओडिशा में 611 मामले और तीन मौतें अब तक हुई हैं।