मिचेल पर डब्ल्यूजीएडी के निष्कर्ष सीमित जानकारी और पक्षपात पूर्ण आरोपों पर आधारित: विदेश मंत्रालय
By भाषा | Published: February 26, 2021 11:11 PM2021-02-26T23:11:22+5:302021-02-26T23:11:22+5:30
नयी दिल्ली, 26 फरवरी संयुक्त राष्ट्र की संस्था ‘वर्किंग ग्रुप ऑन अर्बिट्रेरी डिटेंशन’ (डब्ल्यूजीएडी) द्वारा ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को तत्काल रिहा करने की मांग को भारत ने शुक्रवार को खारिज किया और कहा कि डब्ल्यूजीएडी के निष्कर्ष सीमित जानकारी, पक्षपातपूर्ण आरोपों और भारत की आपराधिक न्याय व्यवस्था की गलत समझ पर आधारित हैं।
मिशेल, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर खरीद मामले में आरोपी है।
भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि डब्ल्यूजीएडी कोई न्यायिक संस्था नहीं है इसलिए उसके विचार सदस्य देशों पर बाध्यकारी नहीं हैं।
एएफपी की खबर में बृहस्पतिवार को कहा गया था कि डब्ल्यूजीएडी ने पाया कि मिशेल को मनमाने ढंग से भारत में हिरासत में रखा गया है।
संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पण होने के बाद दिसंबर 2018 से मिशेल भारत में हिरासत में है।
इस खबर पर पूछे गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘क्रिश्चियन जेम्स मिशेल के बारे में डब्ल्यूजीएडी के आधिकारिक बयान जारी होने से पहले ही हमने उनके कुछ विचारों को देखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि वर्किंग ग्रुप कोई न्यायिक संस्था नहीं है और इसलिए उनके विचार सदस्य देशों पर बाध्यकारी नहीं हैं।’’
श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार ने डब्ल्यूजीएडी के अनुरोध पर इस मुद्दे पर जून 2020 में जानकारी उपलब्ध कराई थी।
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