BHU में बवाल के बीच पश्चिम बंगाल के RKM कॉलेज में हुई मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति, कहा- उन्होंने कभी नहीं किया भेदभाव का सामना
By रामदीप मिश्रा | Published: November 22, 2019 03:45 PM2019-11-22T15:45:49+5:302019-11-22T15:48:45+5:30
पश्चिम बंगाल: अपनी नियुक्ति के बाद मंगलवार को कॉलेज ज्वॉइन करने वाले रमजान अली ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने विषय और अपने धर्म के बारे में किसी भी तरह के भेदभाव का सामना नहीं किया है।
पश्चिम बंगाल के बेलूर स्थित रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर (आरकेएम) कॉलेज में एक मुस्लिम शिक्षक को संस्कृत के सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया है। उसकी नियुक्ति उस समय हुई है जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर बवाल मचा हुआ है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबरे के अनुसार, अपनी नियुक्ति के बाद मंगलवार को कॉलेज ज्वॉइन करने वाले रमजान अली ने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने विषय और अपने धर्म के बारे में किसी भी तरह के भेदभाव का सामना नहीं किया है। यहां महाराज (प्रमुख स्वामी शास्त्राज्ञानदाजी महाराज) और सहयोगियों ने मेरे लिए ठहरने और भोजन की व्यवस्था की।
उन्होंने कहा कि उन्हें एक पल के लिए भी कभी अवांछित या असुरक्षित महसूस नहीं हुआ। लोगों ने हमेशा उत्साह बढ़ाया है। इससे पहले, अली ने 2010 से अलीपुरद्वार के फलकटा गवर्नमेंट कॉलेज में पढ़ाया। वहां भी उन्हें कभी भी अलग-थलग महसूस नहीं हुआ।
रमजान अली ने कहा कि बीएचयू में जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। संस्कृत प्राचीन है और इसमें बहुत सारा इतिहास है और हमारे भविष्य के विकास का मार्ग निहित है।
अंग्रेजी विभाग के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने कहा कि विद्यामंदिर का एक पूर्व मुस्लिम छात्र हाल ही में बारासात स्थित पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय में संस्कृत के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुआ है। 'यहाँ शिक्षक शिक्षक हैं और छात्र छात्र हैं', यह उनकी एकमात्र पहचान है।
आपको बता दें कि आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) बीएचयू के संस्कृत साहित्य विभाग में फिरोज खान का सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति का विरोध कर रही है। बीएचयू ने संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्राध्यापक की नियुक्ति का बचाव करते हुये कहा था कि वह धर्म, जाति, समुदाय अथवा लैंगिक भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीएचयू ने एक बयान में कहा था कि प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि चयन समिति ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार सर्वसम्मति से उक्त उम्मीदवार के चयन की अनुशंसा की है। इसमें कहा गया था कि कुलपति राकेश भटनागर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पांच नवंबर को मुलाकात की और साक्षात्कार में आवदेक के प्रदर्शन को देखते हुए इस पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार की अनुशंसा की।