पश्चिम बंगाल में लेफ्ट हो गया भगवा, कांग्रेस के परंपरागत वोटर्स ने भी दिया BJP को वोट
By निखिल वर्मा | Published: May 28, 2019 11:20 AM2019-05-28T11:20:21+5:302019-05-28T12:08:31+5:30
वाम दलों के लिये 2019 का लोकसभा चुनाव, संसदीय इतिहास में अब तक के सबसे निराशाजनक परिणाम लेकर आया है। माकपा और भाकपा सहित वाममोर्चा के अन्य दलों का पश्चिम बंगाल में सूफड़ा साफ हो गया।
लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम मोदी के चेहरे और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कुशल नेतृत्व में भाजपा में पश्चिम बंगाल में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। पश्चिम बंगाल पहले वाम दलों और बाद में टीएमसी का गढ़ माना जाता रहा है।
इस चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की कुल 42 सीटों में से 18 सीट जीती जबकि पार्टी का वोट प्रतिशत लोकसभा चुनाव 2014 की तुलना में 17 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी पहुंच गया।
वाम दलों के लिये 2019 का लोकसभा चुनाव, संसदीय इतिहास में अब तक के सबसे निराशाजनक परिणाम लेकर आया है। माकपा और भाकपा सहित वाममोर्चा के अन्य दलों का पश्चिम बंगाल में सूफड़ा साफ हो गया, जबकि कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर सिमट गई। वामदलों को लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक 59 सीटें 2004 के चुनाव में मिली थीं।
सीपीएम पूरे देश में सिर्फ तीन जबकि सीपीआई दो सीटें जीतने में सफल रही। वाम मोर्चा के गढ़ केरल में जहां सीपीएम 1 सीट जीतने में सफल रही, वहीं पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में पार्टी खाता खोलने में असफल रही।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन घोर निराशाजनक रहा है जहां उसके सांसदों की संख्या साल 2104 के 34 के मुकाबले इस बार घटकर 22 रह गई है। टीएमसी के 2014 के 39 प्रतिशत के मुकाबले इस बार 43 प्रतिशत वोट मिले हैं लेकिन वह दक्षिण बंगाल के आदिवासी बहुल जंगलमहल और उत्तर में चाय बागान वाले क्षेत्रों में अपना गढ़ बचाए रखने में नाकाम रही।
जिन सीटों पर टीएमसी जीती वहां भी भाजपा दूसरे नंबर पर रही जबकि वाम दल के हिस्से तीसरा स्थान आया। टीएमसी, भाजपा के राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के एजेंडे का जवाब देने में नाकाम रही जिससे राज्य में ध्रुवीकरण हुआ जहां मुस्लिमों की 27 प्रतिशत आबादी है।
परंपरागत वाम दल-कांग्रेस वोटर्स बीजेपी से जुड़े
पश्चिम बंगाल में इस बार वाम दलों को करीब सात फीसदी और कांग्रेस को सिर्फ 5.61 फीसदी वोट मिले। इन दोनों दलों के वोटर्स का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी में शिफ्ट हुआ है। लोकनीति-सीएसडीएस के पोस्ट पोल सर्वे के अनुसार 39 फीसदी वाम दलों के वोटर्स और 32 फीसदी कांग्रेस वोटर्स ने लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को वोट दिया था। इन दलों के वोटबैंक का बड़ा हिस्सा टीएमसी की ओर भी शिफ्ट हुआ जिससे पार्टी को पिछले चुनाव के मुकाबले अधिक मत मिले हैं।
मुस्लिमों में ममता, सवर्णों-ओबीसी में बीजेपी लोकप्रिय
पश्चिम बंगाल में बीजेपी को आदिवासी, सवर्ण, ओबीसी, दलितों को वोट टीएमसी से ज्यादा मिला है। वहीं ममता बनर्जी को 70 फीसदी मुस्लिम वोट मिले हैं।