टीएमसी नेताओं को शामिल करने के कारण हम पश्चिम बंगाल में चुनाव हार गए: भाजपा नेता

By विशाल कुमार | Published: October 25, 2021 08:14 AM2021-10-25T08:14:29+5:302021-10-25T08:23:24+5:30

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने कहा कि टीएमसी से नए नेताओं के आने के बाद पार्टी के पुराने नेता खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. ऐसा करना सही नहीं था और इसके लिए हमारे राज्य स्तर के कुछ नेता जिम्मेदार थे. हमने अवसरवादी टीएमसी नेताओं और कुछ मशहूर हस्तियों को बहुत अधिक महत्व दिया.

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दिलीप घोष के साथ अनुपम हाजरा. (फोटो: फेसबुक)

Highlightsभाजपा के राष्ट्रीय सचिव हैं अनुपम हाजरा.हाजरा ने कहा कि पार्टी ने टीएमसी के असंतुष्ट नेताओं को महत्व देने के लिए कीमत चुकाई.दिलीप घोष ने हजारा की टिप्पणी को बहुत अधिक महत्व नहीं दिया.

कोलकाता: भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने इस साल की शुरुआत में राज्य विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के असंतुष्ट नेताओं को बहुत अधिक महत्व देने के लिए कीमत चुकाई थी, जो चुनाव से पहले इसमें शामिल हो गए थे.

हाजरा ने बीरभूम जिले के बोलपुर में संवाददाताओं से कहा कि टीएमसी से नए नेताओं के आने के बाद पार्टी के पुराने नेता खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं.

हाजरा ने कहा कि हमने गलतियां कीं. हमने टीएमसी से आए नए नेताओं को बहुत अधिक महत्व दिया. हमने पार्टी के पुराने समय के लोगों द्वारा दिए गए योगदान को भी नजरअंदाज कर दिया, जो खुद को दरकिनार महसूस करते थे और यह मानते थे कि पार्टी अब नए नेताओं की है. ऐसा करना सही नहीं था और इसके लिए हमारे राज्य स्तर के कुछ नेता जिम्मेदार थे. हमने अवसरवादी टीएमसी नेताओं और कुछ मशहूर हस्तियों को बहुत अधिक महत्व दिया. हमने अपना सबक सीखा है. इसकी भी बहुत जरूरत थी.

हालांकि, पिछले महीने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार छोड़ने वाले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने हजारा की टिप्पणी को बहुत अधिक महत्व नहीं दिया और कहा कि भाजपा में हर किसी को बराबर सम्मान दिया गया.

मेदिनीपुर के सांसद ने कहा कि हम उस तरह से काम नहीं करते. जो कोई भी हमारी पार्टी का झंडा उठाता है उसे वह सम्मान मिलता है जिसके वह हकदार हैं. हम सभी को अपनी पार्टी का कार्यकर्ता मानते हैं.

इससे पहले टीएमसी में शामिल होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी कहा था कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को भाजपा में अंधाधुंध शामिल किए जाने का विरोध किया था और शायद इसका चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा.

बता दें कि, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दो मई को नतीजे आने के बाद सांसद बाबुल सुप्रियो और मुकुल रॉय समेत चार विधायक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ चुके हैं.

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