Cyclone Amphan: अम्फान ने बंगाल में मचाई तबाही, 72 लोगों की मौत, ममता सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 21, 2020 04:00 PM2020-05-21T16:00:52+5:302020-05-21T17:41:58+5:30
कोलकाता और अन्य प्रभावित जिलों के बड़े हिस्सों में बिजली गुल है क्योंकि वहां बिजली के खंभे उखड़ गए। तूफान से कई संचार टावरों को नुकसान पहुंचने के कारण मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि चक्रवात अम्फान के कारण राज्य में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित जिलों का दौरा करने और तबाह हो गए इलाकों के पुनर्निर्माण के लिए सहायता देने का आग्रह किया। ममता ने प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों के लिए दो से ढाई लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा, "अब तक हमें मिली रिपोर्ट के अनुसार राज्य में चक्रवात अम्फान के कारण 72 लोगों की मौत हो गयी है। दो जिले- उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। हमें उन जिलों का फिर से पुनर्निमाण करना होगा। मैं केंद्र सरकार से राज्य को हरसंभव मदद देने का आग्रह करूंगी।’’
ममता ने अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘‘मैं बहुत जल्द प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी। स्थिति बहाल करने के लिए काम जल्द ही शुरू होंगे। उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और कोलकाता का एक बड़ा हिस्सा कल शाम से ही बड़े स्तर पर बिजली कटौती का सामना कर रहा है। यहां तक कि टेलीफोन और मोबाइल कनेक्शन भी प्रभावित हैं।" उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में कभी भी इतना भयंकर चक्रवात और विनाश नहीं देखा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करूंगी कि वह आएं और चक्रवात अम्फान से प्रभावित इलाकों का दौरा करें।’
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जान-माल के नुकसान का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों तक पहुंचना अभी संभव नहीं है।
72 people have died in West Bengal so far: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee (in file pic) #CycloneAmphanpic.twitter.com/ISbqDyyy0N
— ANI (@ANI) May 21, 2020
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य सचिवालय से मंगलवार रात से हालात पर नजर रख रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘अम्फान’ का प्रभाव ‘‘कोरोना वायरस से भी भीषण’’ है।
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलो में चक्रवात के कारण भारी बारिश और तूफान आने से खपरैल वाले मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए, पेड़ एवं बिजली के खम्भे उखड़ गए और निचले शहरों एवं गांवों में पानी भर गया। कोलकाता में 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं ने कारों को पलट दिया और पेड़ एवं खम्भे उखड़कर गिर जाने से कई अहम रास्ते बाधित हो गए।
कोलकाता में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर से आने वाली खबरों में कहा गया है कि खपरैल के मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए। बिजली के खम्भे टूट गए या उखड़ गए। भारी बारिश के कारण कोलकाता के निचले इलाकों में सड़कों और घरों में पानी जमा हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के कारण इन जिलों में गत रात हजारों लोग बेघर हो गए। उन्होंने बताया कि राज्य और शहर में 1000 से अधिक मोबाइल टावर पूरी तरह ध्वस्त हो गए। कोलकाता के निचले इलाकों में सड़कें और मकान जलमग्न हो गए। कोलकाता और राज्य के अन्य हिस्सों में कई जर्जर इमारतें ढह गईं।
यूनेस्कों की धरोहर में शामिल सुंदरवन डेल्टा के तटबंध इस चक्रवात के कारण टूट गए। राज्य के कृषि विभाग के अनुसार बर्दवान, पश्चिम मिदनापुर और हुगली जिलों में धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के दल सड़कों को साफ करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य में जुटे हैं।
पेड़ों के उखड़ने से बाधित हुई सड़कों को साफ करने के लिए भारी मशीनों को काम में लगाया गया है। जिले के कई आश्रय गृहों में लोगों को भोजन के लिए धक्कामुक्की करते और कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण बने सामाजिक दूरी के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए देखा गया। राज्य सरकार ने पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।