पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के आंदोलन का बिहार में भी असर, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर, मरीज बेहाल
By एस पी सिन्हा | Published: June 14, 2019 06:36 PM2019-06-14T18:36:47+5:302019-06-14T18:36:47+5:30
जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की सूचना देते हुए पीएमसीएच में जेडीए के अध्यक्ष डॉक्टर शंकर भारती ने बताया कि हड़ताल की स्थिति में आईसीयू और इमजेंसी को छोड़ कर कहीं काम नहीं किया जायेगा. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सभी विभागों के ओपीडी सेवा पर सीधा असर पड़ने लगा है.
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटना से आक्रोशित और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रुख से आहत वहां के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. अब इनके समर्थन में बिहार के जूनियर डॉक्टर्स भी उतर आए हैं और वे भी हड़ताल पर चले गए हैं. आज जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. बिहार के जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकाल तक हड़ताल पर चले गये हैं.
जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की सूचना देते हुए पीएमसीएच में जेडीए के अध्यक्ष डॉक्टर शंकर भारती ने बताया कि हड़ताल की स्थिति में आईसीयू और इमजेंसी को छोड़ कर कहीं काम नहीं किया जायेगा. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सभी विभागों के ओपीडी सेवा पर सीधा असर पड़ने लगा है. बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी सेवा ठप कर दी गई है. हालांकि इमरजेंसी और आईसीयू को स्ट्राइक से बाहर रखा गया है.
इस हड़ताल में पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, गया के एएनएमसीएच, मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच, दरभंगा के डीएमसीएच समेत सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल का असर दिख रहा है. यहां बता दें कि बिहार में अब तक चमकी बुखार से 72 बच्चों की मौत भी हो चुकी है और एईएस का कहर लगातार जारी है. वहीं, इलाज के लिए दूरदराज से आनेवाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों के इलाज के लिए परिजन भटक रहे हैं.
वहीं, कई जिलों में आईएमए के आह्वान पर सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है. अस्पताल में चिकित्सकों के काम नहीं करने से निजी अस्पतालों की ओर मरीज को लेकर परिजन रवाना हो रहे हैं. वहीं, कई निजी नर्सिंग होम भी बंद हैं.