पश्चिम बंगालः चुनाव बाद बीजेपी-टीएमसी के बीच शुरू हुई 'ऑफिस कैप्चरिंग' की राजनीति
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 3, 2019 11:05 AM2019-06-03T11:05:33+5:302019-06-03T11:05:33+5:30
पश्चिम बंगालः लोकसभा चुनाव के बाद टीएमसी और बीजेपी में एक-दूसरे के पार्टी कार्यालय पर कब्जा जमाने की कवायद शुरू हो गई है।
लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच का विवाद खत्म नहीं हो रहा है। चुनाव के दौरान कई जिलों से कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प की खबरें आती थी। चुनाव के बाद एक-दूसरे के पार्टी कार्यालय पर कब्जा जमाने की कवायद शुरू हो गई है।
30 मई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 परगना जिले के एक बीजेपी कार्यालय पर 'कब्जा' किया। वो खुद पार्टी कार्यालय पहुंची और अपने हाथ से कमल का निशान हटाकर अपनी पार्टी का सिंबल पेंट किया।
जिस बिल्डिंग में ममता बनर्जी ने पेंटिंग की वो कथित रूप से बीजेपी समर्थकों ने कब्जा जमाई हुई थी। वो पहले टीएमसी का पार्टी कार्यालय हुआ करता था।
इसी दौरान जब ममता का काफिला गुजर रहा था तो कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए। इससे ममता बिफर पड़ीं और सबक सिखाने की बात कही। ममता का कहना है कि ये सभी लोग बाहरी हैं और बीजेपी से जुड़े हुए हैं। वे अपराधी हैं और मुझे गाली दे रहे थे। वो बंगाल के नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी को जय श्री राम लिखे 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने की घोषणा की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्लॉक और गांव स्तर के कई टीएमसी ऑफिस को भगवा रंग में रंग दिया गया है। लोकसभा चुनाव की 42 में से 18 सीटें जीतने के बाद प्रदेश में बीजेपी अपना वर्चस्व बढ़ा रही है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि टीएमसी से जुड़े कई पार्टी कार्यालयों को बीजेपी की इकाई में बदल दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई से इनपुट्स लेकर