जम्मू: बालाकोट में मारे गए 2 आतंकी क्या डांगरी नरसंहार के दोषी थे? सेना ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताई सच्चाई, जानें पूरा मामला
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 8, 2023 06:41 PM2023-01-08T18:41:10+5:302023-01-08T18:53:04+5:30
आपको बता दें कि मारे गए दो आंतकियों पर बोलते हुए सेना की व्हाइट नाइट कोर ने एक ट्वीट किया था। ट्वीट में लिखा था, ‘डांगरी हमले में शामिल आतंकियों को पकड़ने के लिए आपरेशन जारी है। और बालाकोट में एलओसी पर सतर्क सैनिकों ने अब तक दो आतंकियों का पता लगाकर कर उन्हें मार गिराया है। इलाके की घेराबंदी कर आगे की कार्रवाई जारी है।’
जम्मू: रविवार की सुबह डांगरी हमले में बचने वाले तथा डांगरी के निवासियों को चाहे कुछ घंटों की ही खुशी मिली थी कि डांगरी नरसंहार में शामिल दो आतंकियों को मार गिराने की खबरों से सोशल मीडिया उछाले मार रहा था। लेकिन यह खुशी का गुब्बारा दोपहर को उस समय फूट गया जब सेना ने यह दावा किया कि उसके जवानों ने एलओसी पार करने की कोशिश करने वाले दो घुसपैठियों को ढेर किया है।
सेना ने क्या कहा था
सेना के अनुसार, दोनों आतंकी कल रात को ही उस समय मारे गए थे जब उसके जवानों ने बालाकोट सेक्टर में एलओसी पार करने की हरकत देख गोलियां दागी थीं और कुछ मोर्टार भी चलाए थे। इसके प्रति आधिकारिक तौर पर रात को कहा गया था कि अब तलाशी अभियान सुबह आरंभ किया जाएगा।
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने क्या ट्वीट किया था
ऐसे में सुबह सेना की व्हाइट नाइट कोर की ओर से जारी ट्विट ने कईयों के चेहरे पर खुशी ला दी थी। दरअसल यह ट्विट दो मामलों को एक साथ जोड़ देने की गलफहमी को जन्म दे गया था। व्हाइट नाइट कोर का ट्विट कहता था कि ‘डांगरी हमले में शामिल आतंकियों को पकड़ने के लिए आपरेशन जारी है। और बालाकोट में एलओसी पर सतर्क सैनिकों ने अब तक दो आतंकियों का पता लगाकर कर उन्हें मार गिराया है। इलाके की घेराबंदी कर आगे की कार्रवाई जारी है।’
मामले में सेना ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताई सच्चाई
दरअसल, इस ट्विट में लिखी दो अलग अलग बातों को आपस में जोड़ कर कुछ अति उत्साही अधिकारियों ने यह दावा आरंभ कर दिया था कि डांगरी हमले में शामिल दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। नतीजतन सोशल मीडिया के खबरिया चैनलों में इसके प्रति चलने वाली खबरों और ब्रेकिंग न्यूजों को उसी समय विराम मिला जब सेना ने दोपहर को प्रेस कांफ्रेंस कर सच्चाई बताई कि दोनों मामले अलग थे और डांगरी व बालाकोट के बीच 65 किमी का फासला भी था।