मुस्लिमों के विशिष्ट समूह ने पत्र लिख की पीएम मोदी के रवैये की तारीफ, कहा- साथ काम करना चाहेंगे
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: June 4, 2019 12:33 PM2019-06-04T12:33:06+5:302019-06-04T13:17:40+5:30
मुस्लिम समूह ने बीती 26 मई को संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए को पीएम मोदी के दिए गए भाषण का जिक्र किया। उन्होंने पत्र में कहा है कि वे इस बात से खुश हैं कि पीएम ने स्पष्ट रूप से काम करने और समाज के सभी वर्गों की सेवा करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है।
मुसलमानों के एक विशिष्ट समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में अल्पसंख्यकों के प्रति उनके रुख की सराहना करते हुए उनका स्वागत किया है। मुस्लिम समूह ने अल्पसंख्यकों के शैक्षिक पिछड़ेपन, कौशल विकास और विश्वास निर्माण उपायों के मुद्दों पर पीएम मोदी के साथ चलने की पेशकश की है।
टीओआई की खबर के मुताबिक, मुस्लिम समूह ने बीती 26 मई को संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए को पीएम मोदी के दिए गए भाषण का जिक्र किया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि वे इस बात से खुश हैं कि पीएम ने स्पष्ट रूप से काम करने और समाज के सभी वर्गों की सेवा करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। पत्र में कहा गया है कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने के लिए हाशिए पर पड़े इन वर्गों को मुख्य धारा में लाना आवश्यक है।
पत्र में कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय विश्वास-निर्माण के उन सभी उपायों का स्वागत करेगा जो अल्पसंख्यकों को संविधान और कानून के तहत समान सुरक्षा का आश्वासन देते हैं।
मुस्लिम समूह द्वारा लिखे गए पत्र में पीएम मोदी की उस बात पर ध्यान दिया गया जिसमें उन्होंने कहा था, ''जिस प्रकार से गरीबों को धोखा दिया जाता रहा है, उसी तरह अल्पसंख्यकों के साथ भी ऐसा ही किया जाता रहा है। अच्छा होता अगर उनकी शिक्षा, उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दिया गया होता। जो लोग वोट बैंक की राजनीति में विश्वास रखते हैं उनके द्वारा अल्पसंख्यकों को भय के साथ जीने के लिए मजबूर किया गया। मुझे उम्मीद है जिस तरह से आपके साथ छल किया गया, 2019 में आप उस छल में छेद बना पाएंगे। हमें उनका विश्वास कमाना होगा।''
हस्ताक्षरकर्ताओं में हैदराबाद के नेशल लॉ कॉलेज के वाइस चांसलर फैजान मुस्तफा, मेस्को ग्रुप के चेयरमैन फखरुद्दीन मोहम्मद, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महमूद मदनी और नियाज फारुखी, जाने-माने शिक्षाशास्त्री पीए इनामदार, सेंट्रल हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन कैसर शमीम और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारुखी शामिल हैं। इनके अलावा भी कुछ और लोगों ने पत्र में हस्ताक्षर किए हैं।
पीएम ने अपने भाषण में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में सभी समुदायों के साझा प्रयास का उल्लेख किया था। मुस्लिम समूह ने पत्र में पीएम मोदी की इस बात की सराहना की है।