मौसम: भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में मौसम की आंख मिचौली के लिये पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता है जिम्मेदार

By भाषा | Published: January 19, 2020 01:43 PM2020-01-19T13:43:46+5:302020-01-19T13:43:46+5:30

मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सती देवी ने मौसम के इस अप्रत्याशित मिजाज पर भाषा के पांच सवाल और उनके जवाब दिए।

Weather: The intensity of western disturbance is responsible for heavy snowfall and weather eye michauli in the plains. | मौसम: भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में मौसम की आंख मिचौली के लिये पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता है जिम्मेदार

मौसम: भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में मौसम की आंख मिचौली के लिये पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता है जिम्मेदार

Highlightsयह जलवायु परिवर्तन का प्रभाव मात्र है। इसकी तात्कालिक वजह हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभों की तीव्रता में इस साल अप्रत्याशित अधिकता आना है।इसका सीधा असर पहाड़ी क्षेत्रों के अलावा मैदानी क्षेत्रों के मौसम पर भी देखने को मिल रहा है।

इस बार दिसंबर में देश के मैदानी इलाकों में रिकार्ड तोड़ सर्दी, पहाड़ी क्षेत्रों में अप्रत्याशित बर्फबारी और अब जनवरी में पारे के बार बार उतार चढ़ाव के कारण मौसम की अनूठी आंख मिचौली देखने को मिल रही है। मौसम विज्ञानी इस साल पश्चिमी विक्षोभों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम होने के बावजूद इनकी अधिक तीव्रता को इसकी वजह बता रहे हैं।

मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सती देवी से मौसम के इस अप्रत्याशित मिजाज पर भाषा के पांच सवाल और उनके जवाब :

सवाल : जनवरी में 25 से 50 मिमी तक बारिश, हिमालय क्षेत्र में रिकार्ड बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में धूप एवं बादलों की लुकाछिपी, क्या मौसम के लिहाज से अजूबा नहीं है? जवाब: दिन में बार बार धूप निकलना और बीच बीच में बारिश होना, मौसम का अनूठा अनुभव जरूर है लेकिन जलवायु परिवर्तन की आहट के बीच यह अप्रत्याशित नहीं है। मैदानी इलाकों में पल पल बदलता मौसम का मिजाज और पहाड़ों पर उम्मीद से बहुत ज्यादा बर्फबारी, मौसम की चरम गतिविधियों के परिणाम हैं।

सवाल: मौसम विज्ञान के मुताबिक क्या इसे सिर्फ जलवायु परिवर्तन का नतीजा माना जाये? जवाब: यह जलवायु परिवर्तन का प्रभाव मात्र है। इसकी तात्कालिक वजह हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभों की तीव्रता में इस साल अप्रत्याशित अधिकता आना है। इसका सीधा असर पहाड़ी क्षेत्रों के अलावा मैदानी क्षेत्रों के मौसम पर भी देखने को मिल रहा है।

सवाल : क्या पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक रही? जवाब: नहीं, यही तो अचरज की बात है कि पिछले साल की तुलना में इस साल पश्चिमी विक्षोभों की संख्या कम रही लेकिन इनकी तीव्रता पहले की तुलना में काफी ज्यादा है जिसके कारण पहाड़ों पर अत्यधिक बर्फबारी और मैदानी इलाकों में अनियमित बारिश और पारे में बार बार उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

सवाल: मैदानी क्षेत्रों में जनवरी में बारिश असामान्य नहीं है लेकिन बारिश के बीच सर्दी गर्मी का साझा अनुभव अनूठा है। क्या इसकी वजह भी पश्चिमी विक्षोभ की अधिक तीव्रता है? जवाब : मैदानी इलाकों में तापमान के उतार चढ़ाव के लिये जनवरी में दक्षिण से चलने वाली गर्म पूर्वी हवाओं का हिमालय क्षेत्र से आने वाली सर्द पश्चिमी हवाओं से उत्तरी इलाकों में टकराना है। पूर्वी और पश्चिमी हवाओं की गति जब एक दूसरे पर हावी होती है तब पारे में तेजी से उतार चढ़ाव आता है। बार बार सर्दी गर्मी का अनुभव होना इसी का परिणाम है।

सवाल: क्या भविष्य में भी इस तरह के अनुभव होते रहेंगे? जवाब: मौसम के लिहाज से यह संक्रमण काल है। ऐसे में भविष्य का दीर्घकालिक पूर्वानुमान करना उचित नहीं होगा। यह समय, भविष्य में मौसम चक्र के बदलाव के लिये तैयारी करने का है। भाषा निर्मल नरेश नरेश

English summary :
Weather: The intensity of western disturbance is responsible for heavy snowfall and weather eye michauli in the plains.


Web Title: Weather: The intensity of western disturbance is responsible for heavy snowfall and weather eye michauli in the plains.

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