जून-जुलाई में छह फीसदी कम हुई बारिश, लेकिन अब ऐसा रहेगा मौसम का हाल
By रामदीप मिश्रा | Published: August 1, 2018 04:12 PM2018-08-01T16:12:56+5:302018-08-01T16:12:56+5:30
मौसम विभाग के मुताबिक, जून में पांच और जुलाई में छह फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। असम, मेघालय और लक्षद्वीप में भी कम बारिश हुई।
नई दिल्ली, 01 अगस्तः बीते महीनों में बारिश ने देश के कई इलाकों में कहर बरपाया है, जिससे यातायात व्यवस्था से लेकर आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। साथ ही साथ वर्षाजनित हादसों में कई मौतें हुई हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो मानसून हल्का पड़ गया है। लेकिन, फिलहाल भारी बारिश से केवल पांच से छह दिन ही राहत मिलने की बात कही जा रही है क्योंकि इसके बाद मानसून दोबारा सक्रीय होना बताया जा रहा है। इधर, मौसम विभाग ने बाताया है कि जून और जुलाई में उम्मीद से कम बारिश हुई है।
दो महीने में इतनी बारिश की गई दर्ज
मौसम विभाग के मुताबिक, जून में पांच और जुलाई में छह फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। असम, मेघालय और लक्षद्वीप में भी कम बारिश हुई। देशव्यापी स्तर पर जून में सामान्य बारिश 163. 3 मिमी की तुलना में 155. 3 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 95 फीसदी है। वहीं, जुलाई में 272. 4 मिमी बारिश दर्ज की गई। जबकि सामान्य बारिश की सीमा 289. 2 मिमी है। यह एलपीए का 94 फीसदी है।
जून में निर्धारित समय से पहले आया था मानसून
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख एवं वैज्ञानिक एस देवी ने बताया कि इसका मतलब यह नहीं है कि देश में संपूर्ण बारिश कम हुई है। जहां कहीं भी 96-104 फीसदी एलपीए है उसे सामान्य बारिश माना जा सकता है, जबकि एलपीए का 90-96 फीसदी 'सामान्य से कम' है। 90 फीसदी से कम बारिश को कम माना जाता है। गौरतलब है कि मॉनसून अपने सामान्य निर्धारित समय एक जून से पहले ही आ गया था।
यूपी में इस सप्ताह 92 लोगों की मौत
इधर, इस सप्ताह में केवल उत्तर प्रदेश में ही वारिश की वजह से हुई घटनाओं में मरने वालों की तादाद बढ़कर 92 हो गई है। पिछले करीब चार दिनों से प्रदेश में हो रही बारिश के चलते जगह-जगह उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति उत्पन्ना हुई है और उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराते हुए बचाव कार्य किए जाएं। कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए और पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न मुहैया कराते हुए उनके लिए पेयजल की भी व्यवस्था की जाए।
पांच दिन बाद फिर बरस सकते हैं बदरा
खबरों की मानें तो मौसम विभाग का कहना है कि अभी उत्तर प्रदेश में ऊपरी हवा का चक्रवात बनने की वजह से बादल छाए हुए है। नमी के कारण कुछ क्षेत्र में बारिश की संभावना भी है, लेकिन फिलहाल जोरदार बारिश होने वाली नहीं है। हालांकि अच्छी बारिश के लिए करीब पांच से छह दिन तक इंतजार करना पड़ सकता है। 5 अगस्त तक बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम बनेगा । इससे अच्छी बारिश हो सकती है।
दिल्ली में मौसम का ये होगा हाल
इधर, स्काईमेट का मानना है कि गुरुवार तक दिल्ली में हल्के बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की उम्मीद कम ही है। साथ ही साथ एक हफ्ते तक दिल्ली में शुष्क मौसम रहेगा। बताया गया है कि बारिश नहीं होने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में बढ़ोतरी होगी और लोगों को उमस भरी गर्मी का भी सामना करना पड़ सकता है। हालांकि लोगों को 8 अगस्त तक राहत मिल सकती है क्योंकि मानसून दोबारा सक्रीय होगा और बारिश होने लगेगी।
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