झुलसाने लगी गर्मी, पिछले 121 साल में तीसरा सबसे गर्म मार्च का महीना
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 6, 2021 09:24 AM2021-04-06T09:24:54+5:302021-04-06T09:30:26+5:30
भारत में मार्च में ही गर्मी झुलसाने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार मासिक औसत अधिकतम तापमान के हिसाब से 121 साल में इस बार तीसरा सबसे गर्म मार्च रहा.
नई दिल्ली: दुनिया भर में गर्मी लगातार बढ़ रही है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. देश में गुजरा मार्च महीना अब तक के सबसे गर्म मार्च महीने के रूप में इतिहास में दर्ज हो गया है.मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि मासिक औसत अधिकतम तापमान के हिसाब से 121 साल में इस बार तीसरा सबसे गर्म मार्च रहा.
महीने के लिए अपनी समीक्षा में मौसम विभाग ने कहा कि 1981-2010 की पर्यावरण अवधि में सामान्य 31.24 डिग्री, 18.87 डिग्री और 25.06 डिग्री की तुलना में पूरे देश के लिए मासिक अधिकतम, न्यूनतम और मध्यवर्ती तापमान क्रमश: 32.65 डिग्री सेल्सियस, 19.95 डिग्री सेल्सियस और 26.30 डिग्री सेल्सियस रहा.
मौसम विभाग ने कहा, '32.65 डिग्री के साथ मार्च 2021 के दौरान अखिल भारतीय औसत मासिक अधिकतम तापमान पिछले 11 साल में सबसे गर्म रहा और पिछले 121 वर्षों में तीसरा सबसे गर्म मार्च रहा. इससे पहले 2010 और 2004 में क्रमश: 33.09 डिग्री और 32.82 डिग्री सेल्सियस रहा था.'
मार्च में देश के कई हिस्से में 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया. सामान्य तौर पर देश में सर्दी को विदा करता मार्च महीना इतना अधिक गर्म नहीं रहता है.
विदर्भ - मध्य प्रदेश को झुलसाएंगी गर्म हवाएं
उत्तर भारत के पर्वतीय और मैदानी इलाकों में पांच से नौ अप्रैल के बीच बारिश की संभावना है. इसी तरह, अगले तीन दिनों के दौरान महाराष्ट्र के विदर्भ और मध्य प्रदेश में सात-नौ अप्रैल के दौरान गर्म हवाएं चल सकती हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को यह जानकारी दी. विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के दूर-दराज के इलाकों और अगले दो दिन के दौरान पूर्वी राजस्थान में भी गर्म हवाएं चलने का पूर्वानुमान जताया है.
विभाग ने कहा कि छह अप्रैल से ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है. इसके चलते जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में पांच-सात अप्रैल के दौरान बूंदाबांदी से लेकर व्यापक वर्षा/बर्फबारी की संभावना है.पांच-सात अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बारिश हो सकती है.