Weather News: मुंबई में 2 दिन तक भारी बारिश व दिल्ली में 18 जून तक 40°C तापमान रहने का अनुमान
By अनुराग आनंद | Published: June 16, 2020 05:21 AM2020-06-16T05:21:15+5:302020-06-16T05:21:15+5:30
रायुपर मौसम विभाग केंद्र के मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया कि आमतौर पर मानसून छत्तीसगढ़ में जून के तीसरे हफ्ते में आता है लेकिन इस बार यह एक हफ्ता पहले आ गया।
नयी दिल्ली: उत्तर भारत में लगभग दो हफ्ते की राहत के बाद तापमान फिर से बढ़ने लगा। भारतीय मौसम विभाग ने 18 जून तक देश की राजधानी में तापमान 40°C से अधिक रहने की उम्मीद जताई है। मौसम विभाग की मानें तो 18 या 19 जून को दिल्ली व आसपास के इलाके में बारिश से राहत मिलने की संभवना है।
इसके साथ ही मौसम विभाग ने बताया है कि मंगलवार व बुधवार को कोंकण व मुंबई में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, राजस्थान के कई जिलों में आगामी चौबीस घंटे में लू यानी गर्म हवाएं चलने की चेतावनी दी गयी है जहां सोमवार को दिन का अधिकतम तापमान बीकानेर में सबसे अधिक 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसियों ने कहा कि मानसून इस हफ्ते धीमी गति से बढ़ेगा।दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में सामान्य तारीख एक जून तक पहुंच गया था, अरब सागर में गहरे दबाव का क्षेत्र बनने से यह बहुत तेजी से आगे बढ़ा और चक्रवाती तूफान निसर्ग में बदलकर महाराष्ट्र के तट से तीन जून को टकराया।
अब मानसून पूरे महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ तथा गुजरात के कुछ हिस्सों में छा चुका है। रायुपर मौसम विभाग केंद्र के मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया कि आमतौर पर मानसून छत्तीसगढ़ में जून के तीसरे हफ्ते में आता है लेकिन इस बार यह एक हफ्ता पहले आ गया।
Heavy to very heavy rainfall to occur over Konkan area and Mumbai tomorrow and day after: RK Jenamani, scientist, India Meteorological Department pic.twitter.com/xMNdREOKDy
— ANI (@ANI) June 15, 2020
राजस्थान के कई जिलों में गर्म हवा चलने की चेतावनी-
मौसम विभाग ने मंगलवार को बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, चुरू व श्रीगंगानगर जिले में कहीं कहीं लू यानी गर्म हवाएं चलने की चेतावनी दी है। वहीं अलवर, अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, दौसा, डूंगरपुर, झालावाड़ व जयपुर सहित कई जिलों में अनेक जगह बादल छाए रहने व तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है।
बीते दो दिन रायपुर तथा कई अन्य इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। पिछले हफ्ते उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बरसात हुई थी और करीब एक पखवाड़े तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से कम बना रहा। मौसम विभाग के मुताबिक कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ने से एक हफ्ते के लिए मानसून की गति भी धीमी रहेगी। राजस्थान में सोमवार को दिन का अधिकतम तापमान बीकानेर में 46.2 डिग्री, बाड़मेर में 45.3 डिग्री, श्रीगंगानगर में 45.0 डिग्री, जैसलमेर में 44.8 डिग्री, चुरू में 44.5 डिग्री, जोधुपर में 43.4 डिग्री, अजमेर में 41.0 डिग्री, जयपुर में 41.9 डिग्री व कोटा में 41.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली व उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 18 या 19 जून को बारिश की संभावना
विभाग के मुताबिक अगले कम से कम 24 घंटे तक लू चलने का अनुमान है। हालांकि दिल्ली तथा आसपास के इलाकों के लिए मौसम विभाग ने जो अनुमान जताया है उसके मुताबिक 15 जून तक क्षेत्र में लू चलने की संभावना नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में सोमवार को पारा 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। तापमान अगले तीन से चार दिन तक 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक बने रहने की संभावना है। सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है।
मौसम विज्ञानियों ने बताया कि अगले तीन से चार दिन तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक बना रह सकता है, उसके बाद हल्की बारिश होने पर गर्मी से राहत मिल सकती है। पंजाब और हरियाणा में भी दिन का तापमान सामान्य से अधिक था। हिसार में तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 42.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह इन दोनों राज्यों का सबसे गर्म स्थान रहा। विभाग के मुताबिक 17 और 18 जून को पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कुछ-कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। इसके साथ ही विभाग ने कहा है कि दिल्ली में 18 जून या 19 जून को हल्की बारिश हो सकती है।
मानसून-पूर्व वर्षा की वजह से हाथियों का ऊंचाई वाले इलाकों में पलायन शुरू
इस बीच, मानसून-पूर्व वर्षा के समयपूर्व शुरू होने के साथ ही हाथियों का ऊंचाई वाले इलाकों में पलायन शुरू हो गया है। उत्तराखंड के वन अधिकारियों के मुताबिक इस बार यह पलायन सामान्य समय से पहले हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इससे यह शोध पुख्ता हुआ है कि ये जानवर चारे और जल उपलब्धता में होने वाले बदलाव के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया करते हैं। उन्होंने कहा, मानसून पूर्व बारिश से मच्छरों और मधुमक्खियों का हमला भी बढ़ जाता है, जिससे हाथी बहुत अधिक परेशान हो जाते हैं।
इसलिए इनसे बचने के लिए वे ऊंचाई वाले स्थानों पर चले जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून के दौरान जब आर्द्रता बहुत अधित होती है तब मधुक्खियां बहुत आक्रमक हो जाती हैं। राजाजी बाघ अभयारण्य के निदेशक अमित वर्मा ने कहा कि हर साल हाथियों का ऊंचाई वाले इलाके में पलायन जुलाई महीने में शुरू होता है, लेकिन इस बार बहुत पहले शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि हाथियों का झुंड बारिश के मौसम में ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने को मजबूर होता है क्योंकि वहां पर आदर्श परिस्थितियां होती है। हाथियों के लिए ऊंचाई वाले स्थानों पर खाने के लिए वनस्पतियों और पानी की प्रचुरता होती है।