दिल्ली-एनसीआर में मौसमः जल्द पड़ेगी लू की मार, आईएमडी ने कहा, मार्च-मई में लू चलने के 60 प्रतिशत आसार
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 2, 2021 01:46 PM2021-03-02T13:46:46+5:302021-03-02T13:48:13+5:30
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 15.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
नई दिल्लीः मौसम विज्ञान विभाग ने रिपोर्ट जारी कर दी है। विभाग ने अनुमान लगाया है कि मार्च-मई के बीच 60 प्रतिशत लू चलने के आसार हैं।
मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने सोमवार को कहा कि दिल्ली-एनसीआर में मार्च से मई तक लू चलने और दिन और रात के तापमान के सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस तक अधिक होने की 60 प्रतिशत संभावना है।
महापात्रा ने कहा, ‘‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली ऐसे क्षेत्र हैं जहां अधिकतम और न्यूनतम, दोनों मामलों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने (की संभावना) है। इस क्षेत्र में, आप लू की उम्मीद कर सकते हैं, रात और दिन गर्म होने की आशंका है।’’
आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि मार्च से मई तक उत्तर, उत्तर पूर्व तथा पूर्व और पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। विभाग ने हालांकि, दक्षिण और इससे सटे मध्य भारत में तापमान सामान्य से नीचे रहने का पूर्वानुमान जताया है।
पिछले 50 वर्षों में अत्यधिक प्रतिकूल मौसम के कारण 1.4 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई : रिपोर्ट
मौसम की अत्यधिक प्रतिकूल घटनाओं (ईडब्ल्यूई) के कारण पिछले 50 वर्षों में 1.4 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। देश के शीर्ष मौसम विज्ञानियों द्वारा तैयार एक पत्र के मुताबिक लू और बिजली गिरने जैसी घटनों के कारण ये मौतें हुई हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि 1970 से 2019 के बीच लू, शीतलहर, बाढ़, बिजली गिरने और चक्रवातीय तूफान जैसी मौसम की 7063 प्रतिकूल घटनाएं हुईं।
इसमें आंध्रप्रदेश, बिहार, ओडिशा, असम, महाराष्ट्र, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे उच्च जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों में एक कार्ययोजना बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया है जहां ईडब्ल्यूई के कारण मरने वालों की संख्या सबसे अधिक रही। पत्र में कहा गया है, ‘‘पिछले 50 वर्षों में (1970- 2019) 7063 ईडब्ल्यूई हुईं।
इन 7063 घटनाओं में से 1,41,308 लोगों की मौत हुई और प्रति घटना में औसतन 20 जानें गईं।’’ पत्र में कहा गया है कि बाढ़ की 3175 घटनाओं में 65,130 लोगों की मौत हुई, चक्रवातीय तूफान की 117 घटनाओं में 40,358 लोगों की जान गई। इसमें कहा गया है कि लू चलने की 706 घटनाएं हुईं जिनमें 17,362 लोगों की मौत हुई।
(एजेंसी इनपुट)