लखीमपुर हिंसा मामले की जांच से हम संतुष्ट नहीं : टिकैत
By भाषा | Published: October 14, 2021 07:58 PM2021-10-14T19:58:45+5:302021-10-14T19:58:45+5:30
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 14 अक्टूबर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई न होने तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सकता।
टिकैत ने बृहस्पतिवार को टप्पल में एक निजी समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा लखीमपुर खीरी मामले की जांच को प्रभावित कर रहे हैं। जिस तरह से इस मामले की जांच हो रही है उससे हम पूरी तरह असंतुष्ट हैं।’’
लखीमपुर खीरी मामले के एक अन्य आरोपी अंकित दास की गिरफ्तारी और तीन अक्टूबर को हुई वारदात में उसकी संलिप्तता की जांच के संबंध में सवाल करने पर टिकैत ने कहा, ‘‘अभी और झूठे गवाह पेश किए जाएंगे। क्षेत्र में अजय मिश्रा के प्रभाव की वजह से यह भी हो सकता है कि कोई व्यक्ति सारा इल्जाम अपने सिर ले ले।’’
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया यह समझती है कि गृह राज्य मंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ब (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज हो चुका है। जब तक उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक न्याय नहीं हो सकता। केंद्रीय मंत्री की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी नहीं होने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
टिकैत ने कहा कि अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर किसान संगठनों ने दशहरा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुतले फूंकने का ऐलान किया है। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन अपनी मांगों के समर्थन में 18 अक्टूबर को छह घंटे तक 'रेल रोको' प्रदर्शन करेगी। उसके बाद 26 अक्टूबर को लखनऊ में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।
टिकैत ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी कांड में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की 'रेड कारपेट गिरफ्तारी' की गई है और गुलदस्ते पेश कर उनके साथ किसी वीआईपी की तरह बर्ताव किया जा रहा है। इससे किसानों की नाराजगी और बढ़ गई है। उन्होंने कटाक्ष किया, ‘‘गुलदस्ते वाली पूछताछ से कोई फायदा नहीं होगा।’’
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष तथा उसके कुछ अन्य साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
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