यमुना में जलस्तरः झोपड़ी पानी में डूब गई थी, गर्भवती महिला अपने 2 बच्चों के साथ पेड़ पर गुजारी पूरी रात
By भाषा | Published: August 21, 2019 07:37 PM2019-08-21T19:37:54+5:302019-08-21T19:38:24+5:30
दिल्ली के उस्मानपुर इलाके में उसकी झोपड़ी पानी में डूब गई थी। जब बाढ़ का पानी उसके घर में घुसने लगा तो डर के मारे नूरजहाँ अपने दो बच्चों को बचाने के लिए लकड़ी के ढेर के सहारे पेड़ पर चढ़ गई। जब उसका पति जहाँगीर (रिक्शा चालक) देर रात घर वापस आया, तो उसे भी पेड़ पर ही शरण लेनी पड़ी।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना के पानी से खुद को बचाने के लिए एक गर्भवती महिला और उसके परिवार को पूरी रात एक पेड़ पर बितानी पड़ी।
दरअसल नयी दिल्ली के उस्मानपुर इलाके में उसकी झोपड़ी पानी में डूब गई थी। जब बाढ़ का पानी उसके घर में घुसने लगा तो डर के मारे नूरजहाँ अपने दो बच्चों को बचाने के लिए लकड़ी के ढेर के सहारे पेड़ पर चढ़ गई। जब उसका पति जहाँगीर (रिक्शा चालक) देर रात घर वापस आया, तो उसे भी पेड़ पर ही शरण लेनी पड़ी।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि परिवार ने पूरी रात पेड़ पर बिताई और बुधवार सुबह 11 बजे पुलिस को फोन किया। पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों की एक टीम मौके पर पहुंची और परिवार को दोपहर 12 बजे बचाया गया।
नूरजहाँ ने कहा कि वह अपने पति को फोन नहीं कर सकी क्योंकि वह इतनी बुरी तरह से डर गयी थी कि कुछ सोचने समझने की हालत में नहीं थी। उल्लेखनीय है कि यमुना का जलस्तर बुधवार शाम से धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया, लेकिन नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, जलस्तर दोपहर बाद दो बजे 206.60 मीटर था, जो शाम के पांच बजे घटकर 206.50 मीटर पर आ गया। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘जलस्तर में और गिरावट आने की संभावना है क्योंकि हरियाणा ने अब तक हथनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी नहीं छोड़ा है।’’
शाम 4 बजे हथनी कुंड बैराज से केवल 10,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नदी सोमवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार गई। इसकी वजह से निचले इलाकों में आयी बाढ़ के कारण वहां रहने वाले 15,000 से अधिक लोगों को विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा स्थापित शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।