राजस्थानः चुनाव हों या नहीं, प्रदेश में पानी का स्थाई और असली मुद्दा है?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 22, 2019 05:52 AM2019-08-22T05:52:14+5:302019-08-22T05:52:14+5:30

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों में जहां पर भी 72 घंटे या अधिक अंतराल से जल वितरण किया जा रहा है, इस अंतराल को कम करने के लिये भी प्रमुख शासन सचिव ने प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये हैं. 

water crisis in rajasthan: real issues water crisis elections are held or not | राजस्थानः चुनाव हों या नहीं, प्रदेश में पानी का स्थाई और असली मुद्दा है?

राजस्थानः चुनाव हों या नहीं, प्रदेश में पानी का स्थाई और असली मुद्दा है?

Highlightsबीसलपुर बांध की कुल भराव श्रमता 38.7 टीएमसी है, इसमें से जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों में पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी आरक्षित है. बीसलपुर बांध पिछले 16 वर्षा में केवल 5 बार- वर्ष 2004, 2006, 2014, 2016 और 2019 में ही पूरा भरा है

चुनाव के मौसम में अक्सर कई मुद्दे उभर कर आ जाते हैं. कुछ मुद्दे वास्तविक होते हैं, तो कुछ तैयार किए हुए, लेकिन प्रदेश में पानी का स्थाई और असली मुद्दा है. जहां राजस्थान के कई क्षेत्रों में पानी उपलब्ध नहीं है, वहीं कुछ क्षेत्रों में जल प्रबंधन बड़ा सवाल है.

इसी के मद्दे नजर जलदाय विभाग की ओर से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन निशुल्क पेयजल उपलब्ध कराने का निर्णय लागू किया गया था, लेकिन मरूस्थलीय क्षेत्रों में पशुधन के लिए 30 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन सहित न्यूनतम दैनिक आवश्यकता 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है. 

इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के मरूस्थलीय क्षेत्रों में पानी के टैरिफ में संशोधन कर जल उपभोक्ताओं को राहत देने का निर्णय लिया है. जलदाय विभाग अब 13 मरूस्थलीय जिलों में 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन निशुल्क पानी उपलब्ध कराएगा. इस सम्बन्ध में सीएम गहलोत ने वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.

उधर, प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा का कहना है कि जलदाय विभाग बीसलपुर बांध के भर जाने के बाद आने वाले दिनों में लोगों की उम्मीदों और जरूरतों को पूरा करने के लिए संरक्षित पानी का मितव्ययता के साथ पूरा सदुपयोग करेगा. 

शासन सचिवालय में आयोजित बैठक में अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जयपुर शहर और अजमेर के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करें. उन्होंने बैठक में सबन्धित अभियन्ताओं से माह सितम्बर 2019 से अगस्त 2020 तक का प्रत्येक माह में प्रत्येक शहर व ग्रामीण इलाके के पानी की मांग का विवरण लिया एवं विस्तृत चर्चा के बाद टोंक जिले एवं जयपुर के ग्रामीण क्षेत्र के लिये बनाये गये माहवार जल वितरण प्लान को स्वीकृति प्रदान की, जिसके अनुसार एक सितम्बर से पानी की बढ़ोतरी की जाएगी. जयपुर और अजमेर के सप्लाई प्लान को भी अंतिम रूप देकर उसे भी एक सितम्बर से लागू किया जाएगा. 

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों में जहां पर भी 72 घंटे या अधिक अंतराल से जल वितरण किया जा रहा है, इस अंतराल को कम करने के लिये भी प्रमुख शासन सचिव ने प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये हैं. 
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीसलपुर बांध की कुल भराव श्रमता 38.7 टीएमसी है, इसमें से जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों में पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी आरक्षित है. 

मजेदार बात यह है कि इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि बांध पूरा भर जाने की खबरों पर मीडिया और सोशल साईट्स पर व्यापक चर्चा के कारण जनता की आकांक्षाएं बढ गई हैं. 

याद रहे, बीसलपुर बांध पिछले 16 वर्षा में केवल 5 बार- वर्ष 2004, 2006, 2014, 2016 और 2019 में ही पूरा भरा है. तथ्य यह भी है कि बांध भरने के अगले वर्ष में काफी कम मात्रा में पानी आया है. वर्ष 2016 में बांध भरने के पश्चात वर्ष 2017 व 2018 में बहुत ही कम मात्रा में पानी आया था, जिसके कारण जयपुर, अजमेर और टोंक में सभी जगहों पर सितम्बर 2018 से पेयजल की कटौती करनी पड़ी थी एवं वर्ष 2019 की गर्मी में भी बड़ी मुश्किल से पेयजल व्यवस्था को बनाये रखा जा सका था. 
 

Web Title: water crisis in rajasthan: real issues water crisis elections are held or not

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