नागपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजा की। पद्म भूषण और पूर्व ISRO प्रमुख के राधाकृष्णन भी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। संघ के सदस्य नागपुर में RSS मुख्यालय में विजयादशमी मनाने के लिए एकत्रित होकर संघ प्रार्थना की। RSS प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस मौजूद रहे। पद्म भूषण और पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन भी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद हैं।
मोहन भागवत ने कहा कि परिस्थितियां कभी चुनौतीपूर्ण होती हैं तो कभी अच्छी... मानव जीवन भौतिक रूप से पहले से अधिक खुशहाल है लेकिन हम देखते हैं कि इस खुशहाल और विकसित मानव समाज में भी कई संघर्ष जारी हैं। इजरायल और हमास के बीच जो युद्ध शुरू हुआ है - हर कोई इस बात को लेकर चिंतित है कि यह कितना व्यापक होगा और इसका दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में जो हुआ? उसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं, लेकिन जो लोग चिंतित हैं, वे इस पर चर्चा करेंगे। लेकिन, उस अराजकता के कारण, हिंदुओं पर अत्याचार करने की परंपरा वहां दोहराई गई। पहली बार, हिंदू एकजुट हुए और अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे।
लेकिन, जब तक क्रोध में आकर अत्याचार करने की यह कट्टरपंथी प्रवृत्ति होगी - तब तक न केवल हिंदू, बल्कि सभी अल्पसंख्यक खतरे में होंगे। उन्हें पूरी दुनिया के हिंदुओं से मदद की ज़रूरत है। यह उनकी ज़रूरत है कि भारत सरकार उनकी मदद करे... अगर हम कमज़ोर हैं, तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं। हम जहाँ भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की ज़रूरत है।
आरएसएस प्रमुख भागवत ने नागपुर में संघ के दशहरा उत्सव में कहा कि कोई भी देश लोगों के राष्ट्रीय चरित्र से महान बनता है। इजराइल-हमास युद्ध चिंता का विषय है।सभी का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत अधिक सशक्त हुआ है तथा विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है। बांग्लादेश में यह बात फैलाई जा रही है कि भारत उसके लिए एक खतरा है।
मोहन भागवत ने नागपुर में विजयादशमी उत्सव में कहा कि भयावह साजिशें हमारे संकल्प की परीक्षा ले रही हैं, भारत को अस्थिर करने के प्रयास तेज हो रहे हैं।बांग्लादेश में अत्याचारी कट्टरपंथी प्रकृति के लोग मौजूद हैं, हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों के सिर पर खतरे की तलवार लटक रही है।
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर दु:ख जताया और कोलकाता की चिकित्सक से बलात्कार की घटना को शर्मनाक बताया। सामाजिक सद्भाव और एकता के लिए जाति और धर्म से ऊपर उठकर व्यक्तियों और परिवारों के बीच मैत्री का होना जरूरी है।