दिल्ली चलो : सीमाओं से अवरोधक हटाए जाने के बाद बड़ी संख्या में किसान पंजाब से हरियाणा पहुंचे

By भाषा | Published: November 27, 2020 11:45 PM2020-11-27T23:45:59+5:302020-11-27T23:45:59+5:30

Walk to Delhi: A large number of farmers arrived in Haryana from Punjab after the border was removed. | दिल्ली चलो : सीमाओं से अवरोधक हटाए जाने के बाद बड़ी संख्या में किसान पंजाब से हरियाणा पहुंचे

दिल्ली चलो : सीमाओं से अवरोधक हटाए जाने के बाद बड़ी संख्या में किसान पंजाब से हरियाणा पहुंचे

चंडीगढ़, 27 नवंबर अंतरराज्यीय सीमाओं से शुक्रवार की शाम अवरोधक हटाए जाने के बाद पंजाब से किसानों के नए जत्थे दिल्ली आने के लिए हरियाणा में प्रवेश कर गए हैं। हालांकि इससे पहले दिन में राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की जद्दोजहद में बड़ी संख्या में किसानों को कदम-कदम पर पुलिस के अवरोधकों, पानी की बौछारों और आंसू गैस के गोलों का सामना करना पड़ा था। अंतत: बड़ी संख्या में किसान दिल्ली के बुराड़ी मैदान में पहुंच गए हैं।

इस बीच केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से आंदोलन बंद करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार उनसे सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है।

इस बात पर जोर देते हुए कि नए कृषि कानूनों से किसानों के जीवन स्तर में काफी सुधार होगा, तोमर ने कहा कि सरकार विभिन्न किसान संगठनों के साथ संपर्क में हैं और उन्हें तीन दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया है।

शाम तक पंजाब से लगी अंतरराज्यीय सीमाओं और दिल्ली जाने वाले राजमार्गों पर लगे हरियाणा पुलिस के सभी अवरोधक हटा लिए गए और सामान्य यातायात की अनुमति दे दी गई।

केन्द्र के नये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन को विफल बनाने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा लगाए गए सभी अवरोधक हटाए जाने के बाद विभिन्न सड़कों पर यातायात सामान्य हो गया।

करनाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक भारती अरोड़ा ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पहले लगाए गए सभी अवरोधक हटा लिए गए हैं। यातायात सामान्य हो गया है।’’

शुक्रवार दिन में पुलिस ने पंजाब से आ रहे किसानों को अंबाला जिले में प्रवेश करने से रोका था, जिस कारण शंभू सीमा पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी।

रोके जाने पर प्रदर्शनकारियों ने पुल पर लगाए गए लोहे के अवरोधकों को घग्गर नदी में फेंक दिया। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को भी घग्गर नदी के पुल पर ऐसी ही घटना हुई थी।

हालांकि, शाम में हरियाणा पुलिस ने शंभू सीमा से अवरोधक हटा दिए और किसानों को अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ दिल्ली की ओर जाने की अनुमति दे दी।

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहन) से जुड़े किसानों ने पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी और डाबवाली सीमा पर भी पुलिस के अवरोधक हटा दिए।

किसान संघों के नेताओं ने पहले कहा था कि वे खनौरी और डाबवाली में पड़ाव डालेंगे और वहीं प्रदर्शन करेंगे। लेकिन समर्थकों के बार-बार आग्रह पर संगठन ने अपना विचार बदल दिया।

संगठन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने दावा किया कि सिर्फ खनौरी से 50 हजार से ज्यादा संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। एक अन्य नेता ने डाबवाली से भी इतनी ही संख्या में किसानों के कूच का दावा किया।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने शुक्रवार को अमृतसर से अपना मार्च शुरू किया।

एक ओर जहां राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते बड़ी संख्या में पंजाब से किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं, वहीं कई किसान राष्ट्रीय राजधानी पहुंच चुके हैं।

दिल्ली की सीमाओं पर पुलिस के साथ झड़प, आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें सहने के बाद किसानों से कहा गया कि वे शहर में प्रवेश कर सकते हैं और बुराड़ी के मैदान में अपना प्रदर्शन जारी रख सकते हैं।

प्रदर्शन कर रहे किसान बृहस्पतिवार की रात बड़ी संख्या में पानीपत और उसके आसपास के क्षेत्रों में रूके थे। शुक्रवार की सुबह उन्होंने अपनी दिल्ली यात्रा शुरू की।

पंजाब हरियाणा से बीकेयू नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल और गुरनाम सिंह चढूनी सहित अन्य नेताओं ने कहा कि किसानों का आंदोलन ‘जनांदोलन’ बन गया है और उसे समाज के विभिन्न तबकों का समर्थन मिल रहा है।

कांग्रेस नेताओं रणदीप सिंह सुरजेवाला और पवन खेड़ा ने चढूनी तथा अन्य किसान नेताओं से सुबह पानीपत में भेंटकर उन्हें अपना समर्थन दिया।

प्रदर्शन से पहले 25 नवंबर की शाम से ही हरियाणा ने पंजाब के साथ अपनी सीमाएं दो दिनों (26-27 नवंबर) के लिए सील करने की घोषणा कर दी थी ताकि किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोका जा सके।

पंजाब के किसान केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने की मांग कर रहे हैं।

सोनीपत से प्राप्त सूचना के अनुसार, शुक्रवार सुबह दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को सोनीपत-पानीपत के बीच हल्द्वाना सीमा पर पुलिस के अवरोधकों से जूझना पड़ा हालांकि वे यहां से निकल कर कुंडली सीमा तक पहुंच गए।

करीब 11 बजे सीमा पर पहुंचे किसानों का सामना यहां सुरक्षा बलों, अवरोधकों और कांटेदार तार से हुआ। किसानों ने जब अवरोधक हटाने का प्रयास किया तो उन पर पानी की बौछार की गई और आंसू गैस के गोले दागे गए। इस दौरान दोनों पक्षों में हुए झड़प में पत्थरबाजी भी हुई।

सोनीपत के जिला उपायुक्त श्यामलाल पूनिया और पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा मौके पर मौजूद थे।

भारतीय किसान यूनियन पंजाब के प्रधान सुरजीत सिंह ने कहा कि हरियाणा व पंजाब के किसानों की दोबारा कल बैठक की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रधान गुरनाम सिह चढूनी ने उन्हें समर्थन देने का आश्वासन दिया है।

भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रधान गुरनाम सिह चढूनी ने कहा कि वह पंजाब के किसानों का समर्थन करते हैं।

हरियाणा गन्ना संघर्ष समिति के महासचिव बोबी बदौलियों ने कहा कि वह आंदोलन को अपना समर्थन देते हैं।

इस बीच आंदोलन में भाग ले रहे किसानों को भिवानी में एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे एक किसान की मौत हो गई।

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Web Title: Walk to Delhi: A large number of farmers arrived in Haryana from Punjab after the border was removed.

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