मोदी सरकार ने कहा- पोलावरम प्रोजेक्ट में पुनर्वास मदद राशि में बढ़ोतरी के लिए समिति की रिपोर्ट का इंतजार
By भाषा | Published: July 15, 2019 02:28 PM2019-07-15T14:28:14+5:302019-07-15T14:28:39+5:30
जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि गत दो अप्रैल को पोलावरम सिंचाई परियोजना की लागत में वृद्धि की जांच करने के लिये एक संशोधित लागत समिति बनायी गयी है।
सरकार ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम परियोजना के कारण पुनर्वास के दायरे में आने वाले प्रभावित परिवारों के लिये सहायता राशि बढ़ाने के बारे में स्पष्ट किया है कि परियोजना की लागत में वृद्धि के लिये गठित समिति इस विषय पर विचार कर रही है।
जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि गत दो अप्रैल को पोलावरम सिंचाई परियोजना की लागत में वृद्धि की जांच करने के लिये एक संशोधित लागत समिति बनायी गयी है।
उन्होंने बताया कि वित्त मंत्रालय द्वारा गठित यह समिति परियोजना लागत के विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस परियोजना में पुनर्वास संबंधी मामलों का निस्तारण राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा।
पोलावरम परियोजना के कारण लगभग पांच लाख परिवार प्रभावित होने और उन्हें दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि के प्रस्ताव के सवाल पर शेखावत ने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत यह परियोजना केन्द्र सरकार की है लेकिन इसमें केन्द्र सरकार की भूमिका वित्तीय संसाधन मुहैया कराने तक सीमित है। मौजूदा प्रावधानों के तहत परियोजना से प्रभावित प्रत्येक परिवार को 6.36 लाख रुपये पुनर्वास सहायता राशि नियत है।
उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश सरकार ने जनवरी 2018 में केन्द्रीय जल आयोग को वर्ष 2017-18 के लिये मूल्य स्तर पर 57297.42 करोड़ रुपये का संशोधित लागत अनुमान व्यक्त किया था। जलशक्ति मंत्रालय की सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और बहुद्देशीय परियोजना संबंधी सलाहकार समिति ने इस परियोजना के लिये गत 11 फरवरी को 2017-18 के मूल्य स्तर पर 55548.87 करोड़ रुपये के संशोधित लागत अनुमान को मंजूरी प्रदान की है।
इसमें 50987.96 करोड़ रुपये सिंचाई घटक की लागत है इसमें जलमग्न भूमि के पुनर्वास प्रतिपूर्ति देय है।