व्यापमं घोटाला: कांस्टेबल आरक्षक भर्ती परीक्षा में पांचों दोषियों को 7 साल की सजा
By स्वाति सिंह | Published: February 21, 2018 08:32 AM2018-02-21T08:32:30+5:302018-02-21T10:16:14+5:30
सोमवार को कोर्ट ने अपनी सुनवाई पूरी की और मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश एससी उपाध्याय कर रहे थे।
भोपाल, 21 फरवरी: बहुचर्चित व्यापमं घोटाला मामले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को पांच दोषियों को सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पांच हजार रुपय जुर्माना भी लगाया है। सोमवार को कोर्ट ने अपनी सुनवाई पूरी की और मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश एससी उपाध्याय कर रहे थे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सीबीआई के विशेष वकील सतीश दिनकर ने बताया कि थाना एसटीएफ में अपराध क्रमांक 2/15 एसटीएफ को विजय सिंह यादव के आवेदन पत्र पर शिकायत दर्ज की थी। जांच के आधार पर 22 जनवरी 2015 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गयीं थी।
बता दें कि स्पेशल टास्क फोर्स (STF) इस मामले के आरोपी नरोत्तम यादव, भगवान सिंह यादव एवं अविनाश सिंह यादव को गिरफ्तार किया था। बाद में अप्रैल 2015 में मुख्य आरोपी नरोत्तम के खिलाफ चालान पेश किया। तब जांच एजेंसी के मुताबिक पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में नरोत्तम का चयन हो गया था। इसके साथ ही उसकी पोस्टिंग मध्यप्रदेश के रीवा में हो गई थी।
सीबीआई ने जब मामले की जांच की तो दो अन्य आरोपियों की मुख्य भूमिका सामने आयीं। जिसके बाद प्रभात मेहता और ऋषभ अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। सीबीआई की रिपोर्ट की मानें तो मेहता ने बताया था कि इन सब काम के लिए लाखों रुपए का लेन-देन हुआ था। फिर 13 सितंबर 2017 को कोर्ट में पहले गवाह को गवाही के लिए बुलाया गया था। इसके बाद लगातार 5 माह चली सुनवाई में कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।