कश्मीर मुद्दे पर बोले वीके सिंह, 2005 से 2012 तक दक्षिण कश्मीर में थी शांति, उसके बाद बिगड़े हालात?

By पल्लवी कुमारी | Published: February 19, 2019 08:37 AM2019-02-19T08:37:49+5:302019-02-19T08:37:49+5:30

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में 40 जवानों शहीद हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलिना क्षेत्र में सेना के जवानों और आतंकियों के बीच 19 को हुई मुठभेड़ में मेजर समेत पांच जवान शहीद हो गए।

VK Singh South Kashmir was very peaceful 2005-2012 What's the reason for the surge in incidents there after 2012 | कश्मीर मुद्दे पर बोले वीके सिंह, 2005 से 2012 तक दक्षिण कश्मीर में थी शांति, उसके बाद बिगड़े हालात?

कश्मीर मुद्दे पर बोले वीके सिंह, 2005 से 2012 तक दक्षिण कश्मीर में थी शांति, उसके बाद बिगड़े हालात?

Highlightsवीके सिंह ने कहा, 'कश्मीर का मुद्दा को कोई आम मुद्दा नहीं है ना ही ये सरल है। यह छद्म युद्ध का मुद्दा है।'पुलवामा जिले के पिंगलिना क्षेत्र में सेना के जवानों और आतंकियों के बीच हुए मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो टॉप कमांडर मारे गए हैं।

पूर्व सेनाध्यक्ष और विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कश्मीर के मुद्दे पर कहा, 'दक्षिण कश्मीर में 2005 से 2012 के बीच शांतिपूर्ण माहौल था। 2012 के बाद से आराजक घटनाओं में बढ़तोरी हुई है। लेकिन क्या आपने कभी 2012 के बाद की घटनाओं में वृद्धि क्यों हो रही है? इसका विश्लेषण किया? ऐसा क्यों हो रहा इसको जानने की कोशिश की?'

वीके सिंह ने कहा, 'कश्मीर का मुद्दा को कोई आम मुद्दा नहीं है ना ही ये सरल है। यह छद्म युद्ध का मुद्दा है। यह एक मुद्दा है जिसके लिए चीजें पहले की जानी चाहिए थीं। एक घटना के आधार पर किसी नीति की सफलता या विफलता का आप जज नहीं कर सकते। यह बस एक  मुठभेड़ थी, जहां एक अधिकारी और 3 जवान शहीद हो गए। इसका मतलब यह नहीं है कि स्थिति खराब है।'


कश्मीर में पत्थरबाजी को लेकर वीके सिंह ने कहा, 'कुछ युवाओं को पत्थर फेंकने के लिए भुगतान किया जा रहा है, कुछ युवा वाहनों पर खड़े होकर चिल्लाते हैं, 'हम क्या कह सकते हैं, आजादी' ये कश्मीर के पूरे युवाओं की भावना को नहीं दर्शाता है। एक बड़ा काम वहां किया जा रहा है, हां और अधिक किया जा सकती है।'


वीके सिंह ने कहा, ' कश्मीर के युवा पहले भी व्यस्त थे, भविष्य में भी होंगे। कश्मीर में कई काम करने होंगे जो बहुत जरूरी है और कई काम किए जा रहे हैं। कुछ सफल हुए हैं, कुछ नहीं। मैं सकारात्मक हूं कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से देखा जाए।' 



 

18 घंटे तक चली मुठभेड़ में सेना के पांच जवान सहित दो जैश के आतंकी मारे गए 

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलिना क्षेत्र में सेना के जवानों और आतंकियों के बीच 18 फरवरी को हुए मुठभेड़ में मेजर समेत पांच जवान शहीद हो गए। शहीदों में राजस्थान के रहने वाले एस. राम का नाम भी शामिल है। शहीद हुए एस. राम का पार्थिव शरीर देर 18 फरवरी की रात राजस्थान पहुंचा। 18 घंटे तक चली मुठभेड़ में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स 55 और पैरा फोर्सेज की टीम ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के दो टॉप कमांडर भी शमिल हैं। इस मुठभेड़ में कश्मीर के दो आम नागरिक की भी मौत हो गई है।

14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान हुए थे शहीद  

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में 40 जवानों शहीद हुए हैं। जिनमें से 38 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है और 42 जवानों के नाम सामने आए हैं। इस आतंकवादी हमले में 40 से ज्यादा जवान घायल हुए हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीआरपीएफ की बसों पर आतंकवादियों ने निशाना बनाया और उन्हें आईईडी से उड़ा दिया। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनायी थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य है । कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है।

Web Title: VK Singh South Kashmir was very peaceful 2005-2012 What's the reason for the surge in incidents there after 2012

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